नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष अदालत की टिप्पणी से साफ है कि साध्वी प्रज्ञा को निर्दोष साबित करने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ हुई है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भूमिका इसमें संदिग्ध रही है इसलिए एजेंसी के प्रमुख को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस विस्फोट को लेकर साध्वी प्रज्ञा की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत का कहना है कि विस्फोट में जिस मोटरसाइकल का इस्तेमाल हुआ है, वह प्रज्ञा के नाम से पंजीकृत है।
उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि एनआईए ने दबाव में काम किया है और तथ्यों से छेड़छाड करके साध्वी को क्लीनचिट दी गई है। मालेगांव विस्फोट मामले को संवेदनशील बताते हुए उन्होंने कहा कि यह काम जानबूझकर किया गया है और इससे एनआईए की भूमिका पर सवाल उठते हैं इसलिए सबसे पहले एनआईए प्रमुख को हटा देना चाहिए।
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा कि इसमें असलियत क्या है, इस बारे में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री राजनाथ सिंह को देश की जनता के सामने स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि तथ्यों से छेड़छाड़ कौन कर रहा है? (वार्ता)