लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के बीच उद्योग मंडल 'एसोचैम' के एक ताजा सर्वे के मुताबिक सेहतमंद रहने के लिए योग जैसी प्राचीन पद्धति को अपनाने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की उत्साहजनक बढ़ोतरी हुई है। लखनऊ के योग केंद्रों में अभ्यास करने वालों की तादाद में 45 फीसदी का उछाल आया है और इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डीएस रावत ने सोमवार को यहां बताया कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कसरत की पुरातन पद्धति के फायदे लेने और आध्यात्मिक विकास के लिए बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आ रहे हैं। इनमें छात्र, दिनभर थकानभरा काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े लोग, कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त लोग भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि एसोचैम के सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और मुंबई समेत 10 बड़े शहरों में 'योग या जिम' शीर्षक से सर्वे किया है।
रावत ने बताया कि इस दौरान 100 जिम प्रशिक्षकों, फिटनेस पेशेवरों तथा जिम में पसीना बहाने वाले 1,000 लोगों से बातचीत की गई। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि योग करने वालों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एसोचैम का यह सर्वे ऐसे वक्त किया गया है, जब दुनिया 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारी में जुटी है।
ज्यादातर जिम प्रशिक्षकों ने कहा कि उनके जिमखाने में आई 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने अपेक्षाकृत अधिक फायदा देखते हुए जिम की कसरत छोड़कर योग को अपना लिया है। हालांकि अधिकतर जिम प्रशिक्षकों का मानना है कि योग के साथ-साथ जिम का साथ भी बरकरार रखना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
अध्ययन के अनुसार, लखनऊ के योग केंद्रों में आने वाले लोगों की संख्या में 45 प्रतिशत तक का उछाल आया है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं।
रावत ने बताया कि योग की आदत ने एक अच्छा-खासा बाजार भी तैयार किया है। देश में अनुमान के तौर पर करीब 4 करोड़ लोग योगाभ्यास करते हैं। इसके लिए वे लगभग 1,000 करोड़ रुपए के विशेष वस्त्र, बिछावन, तौलिए और अन्य साजो-सामान का इस्तेमाल करते हैं। (भाषा)