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सम्मान :‌ मलखंब‌ प्रशिक्षक योगेश मालवीय को द्रोणाचार्य, दिव्यांग‌ पैरा‌ तैराक सत्येन्द्र को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड

हमें फॉलो करें सम्मान :‌ मलखंब‌ प्रशिक्षक योगेश मालवीय को द्रोणाचार्य, दिव्यांग‌ पैरा‌ तैराक सत्येन्द्र को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड

विकास सिंह

, शनिवार, 29 अगस्त 2020 (23:31 IST)
भोपाल। राष्ट्रीय खेल दिवस पर आज राष्ट्रपति ने 74 खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को खेल पुरस्कार ‌से सम्मानित किया‌। जिसमें मध्य प्रदेश के 2 खिलाड़ियों को भी राष्ट्रीय खेल अवॉर्ड मिले हैं। उज्जैन जिले के मलखंब प्रशिक्षक योगेश मालवीय को द्रोणाचार्य अवॉर्ड और ग्वालियर के दिव्यांग पैरा तैराक सत्येन्द्र सिंह लोहिया को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड राष्ट्रपति ने ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रदान किए।

मुख्यमंत्री शिवराज ‌ने दी‌ बधाई : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योगेश मालवीय और सत्येन्द्र सिंह लोहिया को शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं। मुख्यमंत्री ने योगेश मालवीय को सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए की तथा सत्येन्द्र सिंह लोहिया को 5 लाख रुपए की सम्मान निधि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दोनों ही खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट उपलब्धता हासिल कर मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। मध्य प्रदेश सरकार इन्हें खेल के प्रोत्साहन के लिए हरसंभव मदद प्रदान करेगी।

प्रदेश‌ में खुलेगी‌‌‌‌ मलखंब अकादमी : मुख्यमंत्री ने कहा कि मलखंब मध्य प्रदेश का राज्य खेल है तथा इसे बढ़ाने के लिए सरकार ने खेल अकादमी खोलने का निर्णय‍ लिया है। इस खेल अकादमी में द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त मलखंब प्रशिक्षक योगेश मालवीय की सेवाएं ली जाएंगी।

योगेश मालवीय के सिखाए गए मलखंब खिलाड़ी आज देश और दुनिया में मलखंब का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा विश्वामित्र अवॉर्ड से तथा वर्ष 2018 में भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा मलखंब के शानदार प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है।
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सत्येन्द्र सिंह लोहिया दिव्यांग पैरा तैराक के रूप में केटलीना चैनल को 11 घंटे 34 मिनट की अल्पावधि में पार कर पहले एशियाई तैराक बने थे, साथ ही उन्होंने इंग्लिश चैनल को 12 घंटे 24 मिनट में पार कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है।

उन्होंने चार अंतरराष्ट्रीय तथा सात राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में कुल 28 पदक अर्जित किए। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इन्हें वर्ष 2014 में प्रदेश का सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।

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