वॉशिंगटन। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी नेताओं के साथ बातचीत में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्षविराम का न केवल नियंत्रण रेखा पर क्रूरतापूर्वक उल्लंघन किया जा रहा है बल्कि वास्तविक सीमा पर भी ऐसा हो रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह तय करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने पर जोर दिया कि कौन पहले संघर्षविराम का उल्लंघन करता है।
उधर कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी प्रमुख मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ओबामा से मुलाकात के दौरान भारत-पाक विवाद में अमेरिका की मध्यस्थता को रेखांकित किया था।
ओबामा से मुलाकात के बाद भारत पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में शरीफ ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत गए थे। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को शांति प्रक्रिया को वहीं से बहाल करने का प्रस्ताव दिया जहां से उन्होंने और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने 1999 में लाहौर में उसे छोड़ा था।
शरीफ ने कहा कि उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि दोनों नेताओं को बातचीत करनी चाहिए और दोनों देशों के बीच चल रहे मुद्दों को हल करना चाहिए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वे बातचीत के लिए सहमत हो गए और फिर अचानक ही विदेश सचिव स्तरीय बातचीत एकपक्षीय तरीके से रद्द कर दी गई।
शरीफ ने कहा कि अगर उन्होंने मुझसे बात की होती तो चीजें कुछ और हो सकती थीं, लेकिन उन्होंने मुझे सलाह मशवरा किए बिना ही ऐसा फैसला कर लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में भारत की कथित गतिविधियों के बारे में विदेश मंत्री जॉन केरी को तीन डोजियर सौंपे गए।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी नेताओं के साथ बातचीत में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्षविराम का न केवल नियंत्रण रेखा पर क्रूरतापूर्वक उल्लंघन किया जा रहा है बल्कि वास्तविक सीमा पर भी ऐसा हो रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह तय करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने पर जोर दिया कि कौन पहले संघर्षविराम का उल्लंघन करता है। (भाषा)