रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बल के जवानों को लेकर जा रही बस को मंगलवार को उड़ा दिया। घटना में पांच जवान शहीद हो गए हैं जबकि 13 अन्य जवान घायल हुए हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान और तेज होगा।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि नारायणपुर जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कन्हरगांव—कड़ेनार मार्ग पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षा बलों को लेकर जा रही बस को उड़ा दिया है। इस घटना में वाहन चालक करन देहारी, प्रधान आरक्षक पवन मंडावी, जयलाल उइके, आरक्षक सेवक सलाम और सहायक आरक्षक विजय पटेल शहीद हो गए हैं तथा 13 अन्य जवान घायल हो गए हैं।
सुंदरराज ने बताया कि सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान के लिए बोदली (दन्तेवाड़ा जिला) तथा कड़ेमेटा (नारायणपुर जिला) शिविर से पुलिस दल को रवाना किया गया था। दल में डीआरजी नारायणपुर के 90 जवान शामिल थे। उन्होंने बताया कि आज दोपहर बाद करीब 3.10 बजे कड़ेमेटा शिविर का बल वापस शिविर पहुंचा। बाद में डीआरजी नारायणपुर का बल नारायणपुर मुख्यालय के लिए वापस रवाना हुआ।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगभग 4.15 बजे कड़ेनार तथा कन्हारगांव के बीच कड़ेनार शिविर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर मरोड़ा गांव करीब नक्सलियों ने डीआरजी को लेकर जा रही बस को विस्फोट से उड़ा दिया। घटना के बाद बस सड़क के किनारे गड्ढे की तरफ गिर गई।
सुंदरराज ने बताया कि इस घटना में पांच जवान शहीद हो गए हैं तथा तीन जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायल जवानों को हेलीकाप्टर से रायपुर भेजा गया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना की निंदा की है। बघेल ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट किया और कहा कि सुरक्षा बलों की लगातार की जा रही कार्रवाई से नक्सलियों के पैर उखड़ने लगे हैं। यह घटना नक्सलियों की हताशा का परिणाम है। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान और तेज होगा।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना में घायल जवानों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ में बीते एक वर्ष के दौरान नक्सलियों ने डीआरजी के जवानों पर दूसरा बड़ा हमला किया है। इससे पहले पिछले वर्ष 21 मार्च को नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर दिया था। इस हमले में डीआरजी के 12 जवानों समेत 17 जवान शहीद हो गए थे।
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के जिलों में डीआरजी के जवान तैनात हैं। डीआरजी के जवान स्थानीय युवक हैं तथा क्षेत्र से परिचित हैं। पिछले कुछ वर्षों में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में डीआरजी के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। (भाषा)