NCP chief Sharad Pawar to resign : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को एनसीपी अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया। पवार के ऐलान से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। पवार के फैसले से स्तब्ध एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की।
शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि मैंने अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिला। अब मैं रिटायर होना चाहता हूं। पवार के इस्तीफे के बाद लोगों की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार में से पार्टी की कमान कौन संभालेगा।
देश के कृषि मंत्री रहे शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था। उन्होंने 20 मई 1999 को तारिक अनवर और पीए संगमा के साथ मिलकर NCP की स्थापना की थी। ये तीनों नेता इटली मूल की सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किए जाने के विरुद्ध थे।
पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री पवार लोकसभा में महाराष्ट्र के माधा क्षेत्र का नेतृत्व करते हैं। पवार 2005 से 2008 तक बीसीसीआई के चेयरमैन रहे और 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष बने।
अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत पवार ने कांग्रेस के साथ 1967 में की। यशवंतराव चव्हाण को उनका राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1978 में जनता पार्टी के गठबंधन से सरकार बनाने के लिए उन्हें कांग्रेस से पहले भी निष्कासित किया जा चुका था। इस गठबंधन के फलस्वरूप वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।
1984 में बारामती से वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। 1987 में शिवसेना के बढ़ते प्रभाव के चलते उन्होंने कांग्रेस में वापसी की। 1993 में उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री के पद शपथ ली थी और यह उनका सबसे विवादास्पद कार्यकाल रहा। वे नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री और मनमोहन सरकार में कृषि मंत्री भी रहे।
क्रिकेट की राजनीति में भी एक समय शरद पवार का जलवा दिखाई दिया। 2005 से 2008 तक वे बीसीसीआई प्रमुख रहे, 2010 से 2012 तक उन्होंने ICC की कमान संभाली। भारत सरकार उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है। 2017 में भारत सरकार उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है।