Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

'एनडीटीवी इंडिया' के एक दिन का प्रसारण रोकने का फैसला स्थगित

हमें फॉलो करें 'एनडीटीवी इंडिया' के एक दिन का प्रसारण रोकने का फैसला स्थगित
, सोमवार, 7 नवंबर 2016 (23:53 IST)
नई दिल्ली। कड़ी आलोचनाओं के बीच सरकार ने पठानकोट आतंकवादी हमले के कवरेज के संदर्भ में हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने का फैसला सोमवार को स्थगित कर लिया। चैनल के फैसले की समीक्षा का अनुरोध करने के बाद ऐसा किया गया।
जहां कांग्रेस ने इसे सच्चाई की जीत करार दिया है, वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसरण मंत्री वेंकैया नायडू ने इसे सरकार के उदार लोकतांत्रिक मूल्यों एवं सिद्धांतों के अनुरूप उठाया गया कदम बताया। वैसे इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस मामले को न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी के पास भेजना चाहिए था।
 
अधिकारियों ने कहा कि अपील का निपटारा होने तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दो नवंबर का निर्देश स्थगित कर दिया गया है। इस निर्देश को स्थगित रखने का फैसला एनडीटीवी के सह-प्रमुख प्रणय रॉय द्वारा आज सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू से मुलाकात करने और इस आदेश से जुड़े मुद्दे पर चर्चा करने के बाद आया है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘फासीवादी भाजपा जनमत यानी मीडिया के सिपाहियों की संयुक्त ताकत के सामने अंतत: झुक गई।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए यह एक पाठ है- कि कितनी भी ऊंची कुर्सी पर कोई भी ताकतवर क्यों न बैठा हो, कलम हमेशा जीतती है और वह कठोर ताकत की वजह से नहीं बल्कि सच्चाई में मूल विश्वास के कारण जीतती है। सत्यमेव जयते। हालांकि नायडू ने कहा कि चैनल की अपील के बाद इस आदेश को स्थगित कर दिया गया, जो सरकार के उदार लोकतांत्रिक मूल्यों एवं सिद्धांतों के अनुरूप है। 
 
मंत्री ने बताया कि एनडीटीवी नेतृत्व ने उनके पास अपील पेश की जिस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर विचार करना होगा और फिर उन्होंने फैसला किया कि तब तक सरकारी निर्देश स्थगित कर दिया जाए। सरकारी निर्देश से एक बड़ा आक्रोश पैदा हो गया था, कांग्रेस एवं कई अन्य राजनीतिक दलों एवं मीडिया संगठनों ने राजग सरकार पर हमला किया और उस पर प्रेस की आजादी को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
 
एक अधिकारी ने बताया कि रॉय ने दंड लगाने के अंतर मंत्रालयी समिति के फैसले की तरफ इशारा करते हुए दावा किया कि इस संबंध में एनडीटीवी के नजरिये को ‘शायद पूरी तरह एवं पर्याप्त रूप से नहीं देखा गया।’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रॉय ने फैसले की समीक्षा की मांग की और कहा कि तब तक आदेश को स्थगित कर देना चाहिए।
 
अधिकारियों ने कहा कि नायडू ने उनका अनुरोध मान लिया। मंत्रालय फैसले की समीक्षा करेगा और तब तक के लिए आदेश स्थगित कर दिया गया। ऐसी जानकारी मिली है कि नायडू ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा मीडिया संस्थानों के लिए कई परामर्श जारी करने के बाद पिछले साल आतंक रोधी अभियानों की मीडिया कवरेज से संबंधित नियम छह (एक) (पी) को जोड़ा गया था।
 
उन्होंने कहा कि आतंक रोधी अभियानों की कवरेज से संबंधित नियमों के उल्लंघन के मामले देखे गए। मंत्रालय ने गत दो नवंबर को पठानकोट आतंकी हमले की कवरेज में दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए एनडीटीवी इंडिया का एक दिन का प्रसारण रोकने का आदेश दिया था।
 
बाद में रात में नायडू ने अपने ट्वीटों में कहा कि राजग सरकार की किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है और वह कांग्रेस के विपरीत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में यकीन करती है, कांग्रेस ने तो 1975 में और 2004-2014 के दौरान स्वतंत्र अभिव्यक्ति का गला घोंटा। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'ऐ दिल है मुश्किल' ने किया 200 करोड़ का कारोबार