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नीरव मोदी के ठिकानों पर ईडी के छापे में मिले 5,100 करोड़ रुपए के आभूषण

हमें फॉलो करें नीरव मोदी के ठिकानों पर ईडी के छापे में मिले 5,100 करोड़ रुपए के आभूषण
नई दिल्ली , गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018 (23:41 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 11,400 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ जांच तेज कर दी है। 280 करोड़ रुपए के मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई, दिल्ली और गुजरात में छापेमारी में 5,100 करोड़ रुपए के हीरे, सोने के आभूषण जब्त किए। इसके अलावा जांच एजेंसियों ने मोदी का पासपोर्ट रद्द करवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

सीबीआई और ईडी विदेश मंत्रालय के पास अलग-अलग आवेदनों के जरिए मोदी और उसके रिश्तेदार एवं गीतांजलि ज्वेलरी श्रृंखला के प्रवर्तक मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द करने की अपील है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई ने मोदी से जुड़े ठिकानों से बरामद कंप्यूटरों का विश्लेषण पूरा कर लिया है।

पंजाब नेशनल बैंक ने मंगलवार को दो ताजा शिकायतें भेजी हैं जिसमें कहा गया है कि उसके साथ कुल 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है। सीबीआई अब इन शिकायतों पर भी गौर कर रही है। हीरा कारोबारी मोदी (46) 1 जनवरी को देश से भाग गए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने आज मुंबई, दिल्ली और गुजरात में मोदी और उनसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी में 5,100 करोड़ रुपए के सोने और हीरे के आभूषण एवं अन्य बहुमूल्य रत्न जब्त किए। एजेंसी ने मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल और चौकसी के खिलाफ कल 280 करोड़ रुपए की मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, जयपुर और सूरत में 17 स्थानों पर छापेमारी की।

निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एजेंसी ने मोदी और अन्य आरोपियों की मुंबई में पांच संपत्तियां सील की हैं। इसके अलावा ईडी ने आयकर विभाग को भी पत्र लिखा है जिसमें पिछले साल जनवरी में मोदी और उनके सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी के दौरान जब्त सभी दस्तावेजों को साझा करने को कहा है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। समझा जाता है कि ईडी ने पीएनबी की ओर से मोदी और अन्य के खिलाफ प्रस्तुत की गई शिकायतों पर भी गौर किया है।

एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि कथित रूप से धोखाधड़ी से हासिल बैंक के धन की लांड्रिंग हुई और क्या अपराध की कमाई का बाद में गैरकानूनी तरीके से संपत्तियां खरीदने और कालेधन के रूप में इस्तेमाल किया गया। मोदी 2013 से फोर्ब्स की अमीर भारतीयों की सूची में नियमित रूप से शामिल रहे हैं।

सीबीआई ने नीरव मोदी, उसकी पत्नी और उनके एक भागीदार को बैंक के साथ 2017 में 280.70 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में 31 जनवरी को नामजद किया है। बैंक ने मंगलवार को सीबीआई के पास दो और शिकायतें भेजते हुए कहा है कि यह घोटाला 11,400 करोड़ रुपए से अधिक का है।

इसी से जुड़े घटनाक्रम में सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि मोदी और उनका परिवार पिछले महीने देश छोड़कर भाग गया। सीबीआई ने कहा कि मोदी व उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिए 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी लेनदेन किए।

उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी को लेकर इस समय सुर्खियों में चल रहा नीरव मोदी बैंक की ओर से इस मामले में शिकाय​त मिलने से काफी दिन पहले गत 1 जनवरी को ही देश से बाहर चले गए थे। मोदी के पास भारतीय पासपोर्ट है।

उन्होंने कहा कि नीरव का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है। वह भी 1 जनवरी को भारत छोड़ गया। हालांकि वे दोनों साथ गए थे या अलग-अलग इसकी जांच अभी की जानी है। नीरव की पत्नी और अमेरिकी ना​​गरिक एमी 6 जनवरी को यहां से निकलीं। उसके चाचा तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी 4 जनवरी को देश छोड़कर चले गए।

बैंक को इस मामले में संदेह 16 जनवरी को हुआ जबकि आरोपी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलार एक्सपोटर्स व स्टेलर डायमंड्स (सभी सीबीआई की एफआईआर में आरोपी हैं) ने आयात दस्तावेजों के साथ उससे संपर्क किया और गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने का आग्रह किया ताकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान कर सकें।

एफआईआर के अनुसार बैंक को पहले की कोई जानकारी अपनी प्रणाली में नहीं मिली। अधिकारियों के अनुसार पीएनबी ने 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के बारे में 29 जनवरी को सीबीआई को शिकायत की थी। ऐसा माना जा रहा है कि नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में हैं।

वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस (स्विट्जरलैंड) में नामी भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालकों (सीईओ) के समूह के साथ फोटो में शामिल है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सम्मेलन की इस तस्वीर को 23 जनवरी को प्रेस सूचना ब्यूरो ने जारी किया था।

इसके छह दिन बाद ही पंजाब नेशनल बैंक ने उनके खिलाफ पहली शिकायत की। अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी को एफआईआर दर्ज की। उसने मुंबई व सूरत में 20 स्थानों पर तलाशी ली। चार फरवरी को नीरव मोदी तथा तीन आरोपियों के खिलाफ ‘लुक आउट नोटिस’ जारी किया गया। नीरव मोदी 2013 से ही धनी व चर्चित भारतीयों की सूची में लगातार आते रहे हैं।

सीबीआई ने नीरव, उनकी पत्नी, भाई व कारोबार भागीदारी चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को मामला दर्ज किया था। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक से कथित रूप से 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है। बैंक ने पहली शिकायत के पखवाड़े भर में ही सीबीआई से संपर्क कर कहा कि यह मामला 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन का है। अधिकारियों के अनुसार इस सवाल की भी पड़ताल की जा रही है कि पीएनबी ने सीबीआई को शिकायत में सारी जानकारी न देकर, यह किस्तों में देने का फैसला क्यों किया। (भाषा)

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