लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को मंगलवार को चुनौती दी। इस प्राथमिकी में पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक विशेष धर्म समुदाय को निशाना बनाकर कथित भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट करने का उन पर आरोप लगाया है, जिससे देश की एकता को नुकसान पहुंच सकता है।
पीठ ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई की और फिर मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए टाल दी, क्योंकि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ सामग्री पेश करने के लिए वक्त मांगा। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बीआर सिंह ने नेहा द्वारा दायर याचिका पर दिया।
याचिकाकर्ता ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में हजरतगंज थाने में अभय प्रताप सिंह द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को चुनौती दी है। इससे पहले नेहा की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही और सरकारी वकील वीके सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ मामले में पर्याप्त सामग्री है और इसलिए राज्य को उनके खिलाफ सामग्री पेश करने के लिए कुछ समय दिया जाए।
राज्य के वकील की दलील को स्वीकार करते हुए पीठ ने अगली सुनवाई 12 मई को तय की। याचिकाकर्ता ने याचिका में दलील दी है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत उन पर कई गलत आरोप लगाए गए हैं जिनमें सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा देना, सार्वजनिक शांति को भंग करना और भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालना और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन के भी आरोप शामिल हैं।
लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नेहा ने अपने एक्स हैंडल का इस्तेमाल कुछ आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए किया, जो राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। शिकायतकर्ता अभय प्रताप सिंह ने प्राथमिकी में कहा, "उन्होंने धर्म के आधार पर एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने का बार-बार प्रयास किया है।" भाषा Edited by: Sudhir Sharma