Kachchatheevu Island : कच्चातिवु मुद्दे मामले को लेकर विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। विदेश मंत्री और भाजपा नेता डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया... हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।
कच्चातिवु मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भारतीय क्षेत्र के प्रति उदासीनता दिखाई, उन्हें कोई परवाह ही नहीं थी। द्रमुक ने कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने पर सवाल उठाए, उसने दावा किया कि तमिलाडु सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया, जबकि सच्चाई यह है कि उसे इसकी पूरी जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने इस मुद्दे को एक सिरदर्द के रूप में देखा। वह कच्चातिवु को जल्द से जल्द देना चाहते थे।
1974 के समझौते में कच्चातिवु श्रीलंका को दे दिया : कच्चातिवु मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, 'सत्य यह है कि आज हम वास्तव में न केवल यह जानते हैं कि यह किसने किया और किसने इसे छुपाया, बल्कि यह भी जानते हैं कि 1974 के कच्चातिवु समझौते के लिए जिम्मेदार पार्टियां कौन थी और 1976 में मछुआरों का अधिकार कैसे समाप्त किया गया, आप सभी जानते हैं कि कौन जिम्मेदार है। आज जनता के लिए यह जानना ज़रूरी है, जनता के लिए निर्णय करना ज़रूरी है। यह मुद्दा वास्तव में जनता से बहुत लंबे समय तक छिपाया गया है'
पीएम मोदी ने क्या कहा : इस मामले में सोमवार को पीएम मोदी ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और डीएमके परिवार की इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां आगे बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातिवु पर उनकी बेरुखी ने हमारे गरीब मछुआरों और विशेष रूप से मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है
अखंडता भंग करना कांग्रेस का 75 साल का तरीका : पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 साल से काम करने का तरीका रहा है दरअसल, तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोप लगाया है कि पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के इच्छुक थे। इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है।
Edited By Navin Rangiyal