Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कश्मीर मामले में नेहरू ने ब्लंडर किए, गृहमंत्री शाह ने गिनाईं पहले प्रधानमंत्री की गलतियां

हमें फॉलो करें कश्मीर मामले में नेहरू ने ब्लंडर किए, गृहमंत्री शाह ने गिनाईं पहले प्रधानमंत्री की गलतियां
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित जिन 2 विधेयकों पर सदन में विचार हो रहा है, वे उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाए गए हैं जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू ने कश्मीर मुद्दे पर गलतियां ही नहीं कीं बल्कि ब्लंडर किए। 1947 में जब हमारी सेना जीत रही थी, तब सीजफायर कर दिया गया। 
 
उन्होंने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं तथा एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने पिछड़ों के आंसू पोंछे हैं।
 
शाह ने कहा कि विधेयक पर चर्चा में पक्ष-विपक्ष के 29 वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए, लेकिन किसी ने भी इस विधेयक के तत्व का विरोध नहीं किया और विधेयक के उद्देश्य के साथ किसी ने असहमति नहीं जताई है। उनका कहना था कि ये दोनों विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाए गए हैं जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया
 
मोदी जानते हैं गरीबों का दर्द : विधेयक का नाम बदलने के कुछ विपक्षी सदस्यों के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा है, इसे वही लोग समझ सकते हैं, जो पीछे छूट गए लोगों को संवेदना के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। मोदीजी ऐसे नेता हैं, जो गरीब घर में जन्म लेकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं, वह पिछड़ों और गरीबों का दर्द जानते हैं। वो लोग इसे नहीं समझ सकते, जो इसका उपयोग वोटबैंक के लिए करते हैं।
 
शाह ने कहा कि यह वो लोग नहीं समझ सकते हैं, जो लच्छेदार भाषण देकर पिछड़ों को राजनीति में वोट हासिल करने का साधन समझते हैं। प्रधानमंत्री पिछड़ों और गरीब का दर्द जानते हैं। उन्होंने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का उल्लेख करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति किए बगैर अगर आतंकवाद की शुरुआत में ही उसे खत्म कर दिया गया होता तो कश्मीरी विस्थापितों को कश्मीर छोड़ना नहीं पड़ता।
 
शाह के अनुसार 5-6 अगस्त, 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के संबंध में जो विधेयक संसद में लाया गया था उसमें यह बात शामिल थी और इसलिए विधेयक में 'न्यायिक परिसीमन' की बात कही गई है।
 
... तो लोकतंत्र पवित्र नहीं हो सकता : गृहमंत्री का कहना था कि अगर परिसीमन पवित्र नहीं है तो लोकतंत्र कभी पवित्र नहीं हो सकता इसलिए हमने विधेयक में न्यायिक परिसीमन की बात की है। उन्होंने कहा कि हमने परिसीमन की सिफारिश के आधार पर 3 सीटों की व्यवस्था की है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 2 सीटें कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए और 1 सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित हुए लोगों के लिए है।
 
गृहमंत्री के अनुसार विधानसभा में 9 सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित की गई हैं। शाह ने कहा कि पीओके लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं, क्योंकि पीओके हमारा है। उन्होंने कहा कि इन दोनों संशोधन को हर वो कश्मीरी याद रखेगा, जो पीड़ित और पिछड़ा है।
 
गृहमंत्री ने कहा कि विस्थापितों को आरक्षण देने से उनकी आवाज जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में गूंजेगी। शाह ने कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के सवालों पर कहा कि कश्मीरी विस्थापितों के लिए 880 फ्लैट बन गए हैं और उनको सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
 
विस्थापितों के आंसू पोंछे : उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने विस्थापित लोगों के आंसू पोंछे हैं। शाह ने कहा कि कश्मीर में जिनकी संपत्तियों पर कब्जा किया गया उन्हें वापस लेने के लिए कानून भाजपा की सरकार ने बनाया। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता ओबीसी की बात करते हैं, कुछ नेता होते हैं उन्हें कुछ लिखकर हाथ में पकड़ा दो तो जब तक नई पर्ची नहीं मिलती, वह 6 महीने तक एक ही बात बोलते रहते हैं।
 
शाह ने आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों का सबसे बड़ा विरोध और पिछड़े वर्गों को रोकने का काम कांग्रेस ने किया है। उन्होंने कहा कि सवाल किया जाता है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद कश्मीर में क्या हासिल हुआ। शाह ने कहा कि पहले लोग कहते थे कि अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाएगी तो वहां खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इसके प्रावधानों को समाप्त कर दिया और एक कंकड़ तक उछाला गया। (एजेंसी/वेबदुनिया) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद लाल सोने का गढ़ बना कश्मीर