नई दिल्ली। Delhi Excise Scam News : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि कथित आबकारी घोटाले (Delhi Excise Scam) में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ धनशोधन (money laundering) की जांच महत्वपूर्ण चरण में है और इसमें उनकी संलिप्तता के नए सबूत मिले हैं।
एजेंसी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री की जमानत अर्जी पर जिरह के लिए समय मांगते हुए यह दलील दी। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने आवेदन पर बहस के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की।
अदालत में पेश किए जाने के बाद न्यायाधीश ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत भी 17 अप्रैल तक बढ़ा दी। ईडी ने उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की थी।
जिरह के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने कहा कि एजेंसी सामने आए नए सबूतों को इकट्ठा कर रही है।
वकील ने संक्षिप्त बहस के बाद कहा कि हमें समय चाहिए...अदालत से आग्रह है कि बहस को आगे बढ़ाने के लिए समय दिया जाए।
इस बीच, सिसोदिया की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया कि ईडी के पास इस आरोप को साबित करने के लिए सबूत नहीं है कि सिसोदिया धनशोधन में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि (आरोप के लिए) कोई आधार नहीं है । उन्होंने सब कुछ जांचा , मेरे आवास आदि पर छापा मारा, लेकिन कुछ नहीं मिला। (आबकारी) नीति को उपराज्यपाल सहित विभिन्न संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया गया था। अब आप सिसोदिया को ही दोष दे रहे हैं। साथ ही, यह (जांच) ईडी के दायरे में नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि धनशोधन रोधी केंद्रीय एजेंसी अस्पष्ट आरोप नहीं लगा सकती है कि जमानत पर रिहा किए जाने पर सिसोदिया सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे।
वकील ने कहा कि जब सिसोदिया बाहर थे और उनके पास आबकारी विभाग था तब उन पर गवाहों को प्रभावित करने, उनसे संपर्क करने और उन्हें धमकाने के प्रयास संबंधी दावे कभी नहीं किए गए। अब तो उनके पास कोई विभाग भी नहीं है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma