What is news click Case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) 'न्यूजक्लिक' पोर्टल संचालित करने वाली एक कंपनी में जालसाजी के जरिए 86 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी राशि के वित्त पोषण की धनशोधन के तहत जांच कर रहा है। इस मामले में जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है। 'न्यूजक्लिक' ने दावा किया कि कुछ राजनीतिक तत्वों और मीडिया के वर्गों द्वारा उसके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद न्यूजक्लिक फिर से सुर्खियों में है, जिसमें दावा किया गया है कि समाचार पोर्टल वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है जिसे अमेरिकी करोड़पति नेविली रॉय सिंघम से धन प्राप्त होता है। सिंघम का चीन सरकार के मीडिया प्रभाग से कथित तौर पर करीबी संबंध है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि भारत 2021 से दुनिया को बता रहा है कि न्यूजक्लिक चीनी दुष्प्रचार का एक खतरनाक वैश्विक नेटवर्क है जो फर्जी खबरें फैला रहा है।
समाचार पोर्टल और इसके संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ सहित इसके प्रवर्तकों पर सितंबर 2021 में ईडी ने छापा मारा था। न्यूजक्लिक ने सोमवार शाम को एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि कुछ राजनीतिक तत्वों और मीडिया के वर्गों द्वारा उसके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।
बयान में कहा गया, पिछले 12 घंटों में न्यूजक्लिक के खिलाफ विभिन्न झूठे और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं जो उन मामलों से संबंधित हैं जो वर्तमान में भारत में अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं। हम कानूनी प्रक्रिया की पवित्रता का सम्मान करते हैं और मीडिया ट्रायल में शामिल होने का इरादा नहीं रखते हैं।
ईडी की जांच के अनुसार, मार्च 2018 से 2021 में एजेंसी द्वारा तलाशी तक कंपनी ने जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक. अमेरिका, द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक. अमेरिका, जीएसपीएएन एलएलसी, अमेरिका और सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास, ब्राजील से क्रमश: 76.84 करोड़ रुपए, 1.61 करोड़ रुपए, 26.98 लाख रुपए और 2.03 लाख रुपए के विदेशी धन प्राप्त करने का दावा किया है।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को छापे के दौरान इन संस्थानों को सेवाएं निर्यात करने का कोई सबूत नहीं मिला। सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। ईडी 9.59 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अंतरण की भी जांच कर रहा है जो वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी, अमेरिका (डेलावेयर की लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी) नामक कंपनी से अप्रैल 2018 में पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को शेयरों के सब्सक्रिप्शन के माध्यम से प्राप्त हुआ था। ईडी के सूत्रों के अनुसार, धन के इस अंतरण के तुरंत बाद कंपनी बंद हो गई।
ईडी को संदेह है कि जो धनराशि जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक. अमेरिका के माध्यम से भेजी गई थी, वह नेविली रॉय सिंघम की थी, जिसके बारे में ईडी का आरोप है कि वह पुरकायस्थ के करीबी विश्वासपात्र और चीन के पैरोकार हैं। ईडी ने न्यूजक्लिक की मालिक कंपनी के एक शेयरधारक का बयान दर्ज किया है, जिसने कहा था कि सिंघम जस्टिस एंड एजुकेशन फंड, अमेरिका और जीएसपीएएन एलएलसी, यूएसए से प्राप्त धन के मालिक थे।
एजेंसी ने दावा किया कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के वित्त पोषण पैटर्न की जांच से पता चलता है कि इसे सिंघम के कहने पर राष्ट्र-विरोधी समाचार अपलोड करने के लिए बनाया गया क्योंकि उसने एफडीआई और अन्य माध्यम से सभी निवेश किए थे। यह भी आरोप लगाया गया कि निवेशक (सिंघम) पोर्टल पर समाचार की सामग्री को प्रभावित कर रहा था, इसलिए यह पेड न्यूज का मामला था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)