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त्वरित फैसला, राष्ट्रपति ने खारिज की मुकेश की दया याचिका

हमें फॉलो करें त्वरित फैसला, राष्ट्रपति ने खारिज की मुकेश की दया याचिका
, शुक्रवार, 17 जनवरी 2020 (11:29 IST)
नई दिल्ली। Nirbhaya कांड दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है और इसकी सूचना भी राष्ट्रपति भवन से गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। 
 
उल्लेखनीय है आज यानी शुक्रवार को ही मुकेश की दया याचिका गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी थी। राष्ट्रपति ने भी इस पर त्वरित फैसला लेते हुए राष्ट्रपति ने दया याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही अब यह माना जा रहा है कि निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को ही फांसी पर लटकाया जा सकता है। 

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।
 
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में मौत की सजा पाए 4 दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने दया याचिका कुछ दिन पहले ही दायर की थी।
 
एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी है। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश दोहराई है।
 
दिल्ली के उपराज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।
 
दूसरी ओर टीवी चैनल टाइम्स नाऊ से बातचीत में निर्भया के पिता ने कहा कि दिल्ली सरकार तब तक सोई रही, जब तक हम लोग नहीं आगे बढ़े। निर्भया के पिता ने कहा कि आखिर दिल्ली सरकार ने जेल अथॉरिटी से पहले क्यों नहीं कहा था कि आप फांसी के लिए नोटिस जारी कीजिए। केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि अरविंद ने सत्ता में आने के लिए निर्भया केस का इस्तेमाल किया।
 
इसके साथ ही निर्भया की मां ने भी कहा कि आखिर दोषियों को इतना अधिकार क्यों है? दिल्ली सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए आशा देवी ने कहा कि 2012 में जब घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने तिरंगे लेकर और काली पट्टी बांधकर खूब नारे लगाए थे। आज यही लोग हमारी बेटी की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मैं यह कहना चाहूंगा कि ये लोग अपने फायदे के लिए उनकी फांसी को रोके हैं। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि मैं प्रधानमंत्रीजी से यही कहना चाहती हूं कि बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दीजिए।

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