भोपाल। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले 8 साल में आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपए 'गलत हाथों' में जाने से बचाए हैं। डीबीटी के जरिए जो पैसा जाता है, उसका आधार सत्यापन होता है।
उन्होंने कहा कि देश में भाजपा और मोदी सरकार ने स्टार्टअप नीति बनाकर प्रोत्साहन दिया। हम अगले 25 साल के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाला भारत बना रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 7-8 साल में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सरकार ने 2 लाख करोड़ से ज्यादा बचत की है। डीबीटी के जरिए जो पैसा जाता है, उसका आधार सत्यापन होता है।
उन्होंने कांग्रेस नीत पूर्व सरकारों पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय में जो मर गए और जिनका जन्म नहीं हुआ, उनको भी पैसा मिलता था। सीतारमण ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के लिए पहले आत्मविश्वास चाहिए, इसकी भावना राष्ट्रऋषि ठेंगड़ी की प्रेरणा से मिलती है। आर्थिक सुधार के लिए ठेंगड़ी ने अभूतपूर्व कार्य किए।
सीतारमण ने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। स्टार्टअप की क्रांति भारत के युवाओं की है। भारत के डीएनए में उद्यमिता है। कांग्रेस के शासन में केंद्रीय योजना थी और देशभर के सभी राज्यों में एक ही मॉडल लागू किया जाता था। साम्यवाद के नाम पर दुनिया में केवल चीन बचा है लेकिन वह भी पूंजीपतियों की मदद से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta