Nitin Gadkari's statement regarding Silkyara-Barkot tunnel : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को बताया कि सिलक्यारा-बारकोट सुरंग के उस हिस्से में 2019 में ढहने या गुहा बनने की कोई घटना नहीं हुई थी जो हिस्सा पिछले साल ढह गया था। इस निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह जाने से 41 श्रमिक अंदर फंस गए थे। इन श्रमिकों को 28 नवंबर को बचाया गया था।
गडकरी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 2019 में सुरंग के उसी हिस्से में ढहने या गुहा बनने की घटना नहीं हुई थी। उनसे पूछा गया था कि क्या सुरंग का वही हिस्सा 2019 में ढह गया था जो पिछले साल नवंबर में ध्वस्त हुआ था। गडकरी ने बताया कि सुरंग का हिस्सा धंसने से अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने का अभियान सुरक्षित रूप से पूरा हो गया और कोई हताहत नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सिल्क्यारा सुरंग ढहने की जांच के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), रेल मंत्रालय, एमओआरटीएच और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों की एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है। गडकरी ने बताया समिति ने स्थल का दौरा कर एक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी जिसके मुताबिक, संबंधित लोगों को आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ परियोजना को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से सिलक्यारा-बारकोट सुरंग का निर्माण कर रहा है। उत्तराखंड में निर्माणाधीन यह 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग परियोजना केंद्र की 900 किलोमीटर लंबी चार धाम यात्रा ऑल वेदर रोड का हिस्सा है और इसका उद्देश्य चार तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार करना है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour