Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

तृणमूल के हंगामे से नोटबंदी पर चर्चा नहीं हो सकी

हमें फॉलो करें तृणमूल के हंगामे से नोटबंदी पर चर्चा नहीं हो सकी
, सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (17:31 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा में नोटबंदी पर मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग  पर विपक्षी दलों के अड़े रहने के बीच आसन ने सोमवार को सदन में नियम 193 के तहत  चर्चा शुरू कराई लेकिन विपक्ष के भारी हंगामे के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी।
विपक्षी दलों और खासकर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के भारी हंगामे के कारण सदन की  कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर  दी गई।
 
निचले सदन में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने नियम 193 के तहत कालेधन को समाप्त  करने के लिए विमुद्रीकरण के बारे में चर्चा कराने के भर्तृहरि महताब और एपी जितेन्द्र रेड्डी के  प्रस्ताव पर बहस शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों से अधिक  समय से चर्चा कराने की मांग की जा रही थी और अब इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की जाए।
 
पीठासीन सभापति अर्जुन चरण सेठी ने इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिए बीजद सदस्य  भर्तृहरि महताब का नाम पुकारा लेकिन महताब सदन में मौजूद नहीं थे। इसके बाद सह  प्रस्तावक टीआरएस के जितेन्द्र रेड्डी का नाम पुकारा गया।
 
जितेन्द्र रेड्डी ने जैसे ही इस विषय पर चर्चा शुरू करते हुए अपनी बात रखनी प्रारंभ की, वैसे  ही तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने उन्हें घेरे में ले लिया और उनकी सीट पर लगे माइक के पास जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य भी आसन के समीप आकर नारेबाजी करने  लगे।
 
हंगामे के बीच ही कुछ देर तक टीआरएस सदस्य जितेन्द्र रेड्डी ने अपनी बात रखी और बाद में  सभापति से व्यवस्था बनाने का आग्रह किया। व्यवस्था बनती नहीं देख पीठासीन सभापति अर्जुन चरण सेठी ने सदन की कार्यवाही करीब 2 बजकर 5 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित  कर दी।
 
इससे पहले सोमवार सुबह कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों  के सदस्यों ने सदन में मतविभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने की मांग की जिससे  प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित रही। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को शुरू होने  के आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
 
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के सदस्य अपनी मांग के समर्थन में अध्यक्ष के आसन  के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और मतविभाजन वाले किसी नियम के तहत चर्चा की  मांग करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमारे पास जो लोग नियम  193 के तहत चर्चा की बात लेकर आए हैं, वे सभी सत्ता पक्ष के लोग नहीं हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था और आज भी कहती हूं कि सभी नियमों को छोड़कर  चर्चा शुरू करते हैं। कोई भी नियम न हो। आप नियम पर जोर क्यों दे रहे हैं? अभी चर्चा शुरू  करें। हालांकि विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर कायम रहे और नारेबाजी करते रहे। हंगामे के  कारण अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू होने के आधे घंटे बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
 
दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर सरकार ने कहा कि सत्तापक्ष सहित विपक्षी दलों में से  किसी ने भी नोटबंदी के कदम की नीयत पर सवाल नहीं उठाया है इसलिए इस विषय पर  तत्काल चर्चा शुरू की जाए। इस फैसले के बाद जनता की कठिनाइयों को लेकर अगर विपक्षी  दल कुछ विचार रखते हैं तो उनका निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
 
नोटबंदी के मुद्दे पर मतविभाजन के प्रावधान के साथ चर्चा शुरू कराने की विपक्ष की मांग के  बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सदन में कहा कि इस बात के लिए पूरे विपक्ष का  आभार है कि नोटबंदी के फैसले को लेकर सरकार की नीयत पर किसी ने भी संदेह प्रकट नहीं  किया है और इस फैसले के क्रियान्वयन को लेकर कुछ आपत्तियां हैं और विपक्ष के अनुसार  इसका क्रियान्वयन सही नहीं है।
 
सिंह ने कहा कि जहां तक सत्तापक्ष की बात है तो हम तत्काल बहस के लिए तैयार हैं और  हम जानना चाहते हैं कि क्रियान्वयन को लेकर कहां-कहां कठिनाइयां रहीं? विपक्ष जिन  कठिनाइयों से संसद को अवगत कराएगा, उनका निराकरण करने का हम प्रयास करेंगे। गृहमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशहित में, राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान  करने के लिए और कालेधन, आतंकवाद, माओवाद तथा उग्रवाद एवं जाली मुद्रा को रोकने के  लिए यह फैसला लिया है।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि चर्चा पर नियम को लेकर भी पूरा विपक्ष बंटा हुआ है। एकमत नहीं  है। टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी ने भी कहा कि चर्चा नियम 193 के तहत शुरू कराई जानी  चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं विपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि नियम का निर्णय  अध्यक्ष पर छोड़ा जाए और वे जिस भी नियम के तहत चर्चा शुरू कराएं, उस पर तत्काल चर्चा  शुरू की जाए। इस बीच सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार के  बयान से यह गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम चर्चा नहीं चाहते। हम मतविभाजन के  नियम के तहत बहस शुरू करने को तैयार हैं।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मैं बिना नियम के चर्चा की अनुमति दे सकती हूं। आप सभी  अभी चर्चा शुरू कर लें। इससे पहले कांग्रेस के मल्लिकार्जन खड़गे ने अपनी बात दोहराई कि  विपक्ष ने नियम 184 के तहत चर्चा का तरीका निकाला है जिस पर चर्चा शुरू कराई जानी  चाहिए तथा नोटबंदी के फैसले के बाद कितना नुकसान हुआ और कितना फायदा हुआ? इस बारे  में चर्चा के बाद वोटिंग कराई जानी चाहिए।
 
खड़गे ने मतविभाजन पर सरकार के तैयार नहीं होने पर निशाना साधते हुए कहा कि वोटिंग  कराने से पहाड़ नहीं गिर जाएगा। वे मतविभाजन से क्यों भाग रहे हैं? तृणमूल कांग्रेस के  सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सत्तापक्ष इतने अधिक बहुमत में हैं कि तत्काल नियम 184 के  तहत बहस शुरू कर सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि अगर आसन नियम 184 के तहत चर्चा शुरू कराने की कांग्रेस नेता खड़गे की  मांग स्वीकार करता है तो वे अपना कार्यस्थगन का नोटिस वापस लेने को तैयार हैं। राजद के  जयप्रकाश नारायण यादव और पी. करुणाकरण ने भी यही मांग की। तेलंगाना राष्ट्र समिति के  एपी जितेंद्र रेड्डी ने कहा कि सभी 17 विपक्षी दल सरकार के नोटबंदी के फैसले के समर्थन में  हैं लेकिन वे क्रियान्वयन की समस्याओं को उठा रहे हैं।
 
जितेन्द्र रेड्डी ने कहा कि हमने नियम 193 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिया है। देश में  मौजूदा हालात को देखते हुए तुंरत चर्चा जरूरी है और अध्यक्ष किसी भी नियम में चाहें, चर्चा  शुरू कराएं। समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने आरोप लगाया कि इस फैसले से पहले  किसी दल को विश्वास में नहीं लिया गया और देश के एक-दो उद्योगपतियों की राय पर यह  निर्णय लिया गया। हम सभी जनता का दु:ख-दर्द कहना चाहते हैं। गंभीर विषय है।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पूरा सदन चर्चा चाहता है। सभी लोग आम जनता के सुख-दु:ख  की बात करना चाहते हैं। मैं भी चाहती हूं। मैं भी आम जनता के बीच से ही इस कुर्सी पर  आकर बैठी हूं। उन्होंने कहा कि मेरा एक ही आग्रह है कि सभी लोग नियम की लड़ाई छोड़ें। मैं बिना किसी नियम के अभी चर्चा शुरू कराने की अनुमति दे सकती हूं। चर्चा के बाद  मतविभाजन की कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों की मांग पर अध्यक्ष ने कहा कि वोट का  प्रश्न जब आएगा, तब देखेंगे। अभी चर्चा शुरू करें। अब निर्णय आपके ऊपर है। 
 
गृहमंत्री ने भी कहा कि जैसा अध्यक्ष ने कहा है कि बिना किसी नियम के चर्चा शुरू की जा  सकती है। सरकार इसके लिए तैयार है, हालांकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दल चर्चा के  बाद मतविभाजन कराने की मांग पर अड़े रहे। वे नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए।
 
अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही सभापटल पर आवश्यक कागजात रखवाए और शून्यकाल चलाने  का प्रयास किया। इस दौरान कई सदस्यों ने लोकमहत्व के विषय उठाए, हालांकि विपक्षी  सदस्यों का हंगामा जारी रहा। हंगामे के कारण अध्यक्ष ने कार्यवाही भोजनावकाश से करीब 5 मिनट पहले 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। (भाषा)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महिला क्रिकेट टीम को लोकसभा ने दी बधाई