लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय रिजर्व बैंक की हाल में जारी वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज आरोप लगाया कि नोटबंदी आजाद भारत का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि पिछले दिनों आरबीआई ने एक आंकड़ा जारी किया, जिसमें कहा गया है कि नोटबंदी के बाद 15 लाख 28 हजार करोड़ रुपए की मुद्रा बैंकों में जमा हो गई।
यानी 99 प्रतिशत नोट वापस बैंकों में जमा हो गए। मगर जब आठ नवम्बर 2016 को नोटबंदी लागू हुई थी, तब आरबीआई ने कहा था कि 14 लाख 18 हजार करोड़ रुपए की मुद्रा 500 और हजार रुपए की बाजार में है तथा अब वह मुद्रा चलन से बाहर हो गई है।
उन्होंने कहा ‘मैं पूछना चाहता हूं कि देश की इतनी विश्वसनीय संस्था जो देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है, वह देश से झूठ क्यों बोल रही है।
अगर पिछले नवम्बर में बाजार में 500 और 1,000 रुपए की 14 लाख 18 हजार करोड़ रुपए की मुद्रा थी, तो इसका मतलब है कि उसके आगे एक भी रुपया जाली, कालाधन या भ्रष्टाचार का पैसा है। अगर 15 लाख 28 हजार करोड़ रुपए बैंकों में जमा हो गया तो इसका मतलब है कि सीधे-सीधे एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आ चुका है।
सिंह ने कहा, ‘अभी सहकारी बैंकों का धन जमा नहीं हुआ है, नेपाल के पैसे नहीं जमा हुए, भूटान के पैसे नहीं जमा हुए। अगर ये सारा धन मिला लिया जाएगा तो मैं आपसे पूरी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि नोटबंदी आजादी के बाद से अब तक हुआ सबसे बड़ा घोटाला है।’
उन्होंने कहा मैं प्रधानमंत्री और आरबीआई से पूछना चाहता हूं कि यह एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए किसका है। क्या यह भाजपा नेताओं का है, उद्योगपतियों का है, कालाधन रखने वालों का है या फिर आतंकवादियों अथवा नक्सलवादियों का है।
देश इस भ्रष्टाचार के बारे में आपसे सवाल कर रहा है। प्रधानमंत्री बताएं कि आरबीआई के खुलासे के बाद उनका क्या वक्तव्य है। उन्हें अपनी इस गलती के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।’ सिंह ने कहा कि मुद्दे पर वे न्यायालय जाने के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। (भाषा)