अदालत ने अपने आदेश में कहा, यह ध्यान में रखते हुए कि इस याचिका में इकलौते प्रतिवादी यासीन मलिक ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत आरोपों पर लगातार जुर्म कबूल किया है, जिसमें मौत की सजा के विकल्प का प्रावधान है। हम उसे नोटिस जारी करते हैं, जो जेल अधीक्षक द्वारा उसे दिया जाएगा।