Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

NTCA ने जारी की रिपोर्ट, दुनिया का सबसे व्यापक वन्यजीव सर्वेक्षण है बाघ गणना 2022

हमें फॉलो करें NTCA ने जारी की रिपोर्ट, दुनिया का सबसे व्यापक वन्यजीव सर्वेक्षण है बाघ गणना 2022
, सोमवार, 10 अप्रैल 2023 (21:26 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में किया गया अखिल भारतीय बाघ आकलन अब तक का सबसे व्यापक वन्यजीव सर्वेक्षण है जिसमें 20 राज्यों के साथ ही 6,41,449 किलोमीटर का प्रभाशाली पैदल सर्वेक्षण शामिल है। अध्ययन दल में एनटीसीए और राज्यों के अधिकारी और विशेषज्ञ, अनुसंधान जीवविज्ञानी, वैज्ञानिक, समन्वयक, इंटर्न और स्वयंसेवक शामिल थे।
 
इस कवायद के तहत टीम ने वनस्पति, मानव प्रभाव और अन्य आंकड़े एकत्र करने के लिए 3,24,003 आवास भूखंडों का नमूना लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को मैसूर में एक कार्यक्रम में जारी बाघों की स्थिति 2022 रिपोर्ट के अनुसार 32,588 स्थानों पर लगाए गए कैमरे के परिणामस्वरूप 4,70,81,881 तस्वीरें सामने आईं जिनमें बाघों की 97,399 तस्वीरें शामिल हैं।
 
अध्ययन के लिए बहुत प्रयास की आवश्यकता थी। टीम ने इसे पूरा करने के लिए 6,41,102 मानव दिवस से अधिक का वक्त लगाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि यह अब तक दुनिया में किए गए वन्यजीव सर्वेक्षण में सबसे बड़ा प्रयास है।
 
कैमरे के जाल में बाघों (1 वर्ष से अधिक आयु) की कुल 3,080 तस्वीरें कैद हुईं। यह संख्या 2018 के आंकड़ों (2,697) की तुलना में वृद्धि दिखाती है। पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निष्कर्षों के आधार पर भारत में बाघों की न्यूनतम आबादी का अनुमान 3,167 है, जो बाघों की आबादी में उत्साहजनक वृद्धि की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
 
वर्ष 2006 में देश ने बाघों की आबादी की निगरानी के लिए मानक नमूना स्थान के रूप में 100 वर्ग किलोमीटर ग्रिड की स्थापना की थी। यह आज तक स्थिर है और प्रत्येक ग्रिड को बाद के विश्लेषण और तुलना के लिए एक अद्वितीय कोड सौंपा गया था।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 के आकलन अभ्यास के पहले चरण में देशभर के आंकड़े शामिल थे जिनमें 100 वर्ग किलोमीटर के 10,146 ग्रिड भी शामिल थे। पहले चरण के पूरे आंकड़ों को एम-स्ट्रिप्स एंड्रॉइड एप्लीकेशन का उपयोग करके एकत्र किया गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून में आयोजित दूसरे चरण में रिमोट सेंसिंग और द्वितीयक डेटा स्रोतों का उपयोग करके लैंडस्केप स्तरीय आंकड़े हासिल करना शामिल था।
 
अंत में तीसरे चरण में 174 स्थानों के नमूने और 32,588 ठिकाने शामिल थे जिसके परिणामस्वरूप बाघों की 97,399 तस्वीरें सहित कुल 4,70,81,881 तस्वीरें हासिल की जा सकीं। अधिकारियों ने कहा कि डेटा संग्रह और मिलान के लिए किए गए प्रयास में 6,41,102 मानव दिवस से अधिक का समय लगा जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया।
 
वर्ष 2022 के अखिल भारतीय बाघ अनुमान से बाघ अध्यावास में उल्लेखनीय वृद्धि का पता चला। इसने 3,080 अद्वितीय बाघों की पहचान की और उनकी तस्वीरें लीं। वर्ष 2018 में यह संख्या 2,461 थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाघों की न्यूनतम अनुमानित आबादी 3,167 है, जो 2018 में 2,697 थी। शिवालिक और गंगा के डूब क्षेत्रों के साथ-साथ मध्यभारत, पूर्वोत्तर पहाड़ियों- ब्रह्मपुत्र बाढ़ क्षेत्र और सुंदरबन में बाघों की आबादी में खासी वृद्धि हुई है।
 
हालांकि पश्चिमी घाट जिसे भारत में सबसे उल्लेखनीय जैवविविधता वाले क्षेत्रों में से एक माना जाता है, में गिरावट देखी गई। इस क्षेत्र में 2022 में 824 अद्वितीय बाघ दर्ज किए गए जबकि 2018 में यह संख्या 981 थी। अध्ययन दल के अनुसार वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-बाघ संघर्ष को कम करते हुए बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास की आकांक्षाओं को पूरा करना प्रमुख चुनौतियों में से एक है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बेमौसम बारिश व ऊंची ब्याज दर का वाहन उद्योग पर पड़ेगा असर, ग्रामीण मांग होगी प्रभावित