Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 278 लोगों की मौत हुई और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसे के बाद एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया किया कोरोमंडल एक्सप्रेस में करीब 40 यात्रियों की मौत बिजली के झटके से हुई। इस लोगों के शव पर बाहरी चोट का कोई निशान नहीं है।
बताया जा रहा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से यशवंतपुर (बेंगलुरु)-हावड़ा एक्सप्रेस के टकराने से बिजली के तार संभवत: टूट गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई शव पहचानने लायक भी नहीं थे। इनमें से लगभग 40 ऐसे शव थे, जिनमें कोई चोट के निशान या कहीं से भी रक्तस्राव नहीं था। इनमें से कई मौतें संभावित रूप से करंट लगने से हुई हैं।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी द्वारा शनिवार को दर्ज कराई FIR में कहा गया कि कि टक्कर और ओवरहेड एलटी लाइन के संपर्क में आने के कारण कई यात्रियों की मौत हो गई।
मौत के आंकड़ों पर सवाल : खुर्दा रोड डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने बताया कि इस हादसे में 278 लोगों की मौत हुई है और करीब 1100 लोग घायल हुए हैं। 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान बाकी है और इन शवों को 6 अस्पतालों में रखा गया है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के ही 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अब भी लापता हैं।
संदिग्ध मामलों में डीएनए : ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने लेना शुरू किया।
बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था।
राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया।