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Odisha Train Accident : 288 लोगों की मौत की जिम्मेदार मोदी सरकार? कांग्रेस ने रिपोर्ट से बताई चौंकाने वाली सचाई

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सुधीर शर्मा

, गुरुवार, 8 जून 2023 (20:20 IST)
नई दिल्ली। Odisha Train Accident : ओडिसा के बालासोर में ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई। हादसे को विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की लापरवाही का परिणाम बताया, वहीं केंद्र सरकार सीबीआई जांच से हादसे के असली कारण सामने आने की बात कह रही है। कांग्रेस ने ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ (RRSK) को लेकर मोदी सरकार को हकीकत बताई है।

कांग्रेस ने ट्‍विटर पर आंकड़े भी शेयर किए हैं। पार्टी ने दावा किया है कि ओडिशा रेल हादसे के बाद से कई ऐसी बातें सामने आई हैं जो बताती हैं कि 288 लोगों की जान लेने वाला ये हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का नतीजा है। कांग्रेस ने कैग के हवाले से एक रिपोर्ट पेश की है।
 
सुरक्षा का फंड आधिकारियों की सुविधा : कांग्रेस ने ट्‍विटर पर लिखा है कि रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ (RRSK) बनाया। इसमें 5 साल के लिए 1 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। टैक्स पेयर्स के इस पैसे का इस्तेमाल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाना था लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पैसे को खुद पर खर्च कर रहे हैं। 
एक राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष यानी कि RRSK है, जिसे साल 2017 में बनाया तो यात्रियों की सुरक्षा के लिए गया था लेकिन इसमें आवंटित फंड का इस्तेमाल अधिकारी अपनी सुविधाओं पर करते हैं. आपको समझाते हैं कैसे...
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क्या कहती है कैग की रिपोर्ट : कांग्रेस ने ट्‍विटर पर लिखा है कि  हम नहीं कह रहे बल्कि साल 2021 में आई CAG (Comptroller and Auditor General of India) की रिपोर्ट में बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फंड का इस्‍तेमाल गैर-जरूरी चीजों पर किया गया। अब इन गैर-जरूरी चीजों की लिस्ट देखिए- 
 
  •  फुट मसाजर
  •  जैकेट
  •  फर्नीचर
  •  महंगी क्रॉकरी
  •  किचन का सामान 
  •  इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
  •  लैपटॉप 
घरों और होस्टलों का निर्माण : पार्टी ने कहा कि इतना ही नहीं... इस फंड से अधिकारियों के लिए बनाए गए घरों, हॉस्टलों में निर्माण कार्य भी कराया गया। रेलवे ने अपने अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए महंगी-महंगी गाड़ियां भी इसी फंड से किराए पर लीं।
 
आंकड़ों की हकीकत : इस फंड से लगातार गैर-जरूरी चीजों पर खर्च किया गया और हर हर साल यह खर्चा बढ़ता भी गया। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं.. 
 
  2017-18: 463 करोड़ रुपए खर्च 
  2018-19: 837 करोड़ रुपए खर्च 
  2019-20: 1004 करोड़ रुपए खर्च
 
कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 'जिस फंड का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए होना था, उससे ऐशो आराम की चीजें खरीदी जा रही थीं। रिपोर्ट में लिखा कि इस फंड का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया।'  
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कायाकल्प के पीछे बेचने की मंशा : इस रिपोर्ट ने मोदी सरकार के उन दावों की पोल खोल दी, जिसमें वह कहती है कि उसने रेलवे का कायाकल्प कर दिया है। दरअसल, सरकार रेलवे को बर्बाद करने पर तुली है। जल्‍द से जल्‍द इसको अपने मंत्रियों को बेच दिया जाए।

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