नई दिल्ली। सरकार ने संसद में शुक्रवार को बताया कि एक देश एक राशन कार्ड योजना के तहत पूरे देश में एक जून से एक राशन कार्ड लागू कर दिया जाएगा। यह योजना अभी 12 राज्यों में लागू है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को देश में कहीं भी राशन लेने की सुविधा देने के लिए 'एक देश एक राशन कार्ड' योजना को एक आगामी 1 जून से लागू कर दिया जाएगा।
पासवान ने कहा कि 2013 में 11 राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब इसके दायरे में सभी राज्य आ गए है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अगले चरण में सरकार ने पूरे देश के लिए एक ही राशन कार्ड जारी करने की पहल गत एक जनवरी को 12 राज्यों (आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा, त्रिपुरा गोवा, झारखंड और मध्यप्रदेश) से शुरु कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक देश एक राशन कार्ड के लिए नए कार्ड की जरूरत नहीं होगी।
साथ ही पासवान ने नए कार्ड जारी किए जाने की अफवाहों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह बिचौलियों का खेल है, अगर यह खेल नहीं रुका तो मंत्रालय इसकी सीबीआई जांच कराने से भी पीछे नहीं हटेगा।
पासवान ने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि मंत्रालय ने 1 जून से पूरे देश में एक देश एक राशन कार्ड लागू करने का लक्ष्य तय किया है। इस समयसीमा से सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों को अलग रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सभी राशन की दुकानों को फिंगर प्रिंट पहचान मशीन (पॉश मशीन) से लैस करने और राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता को देखते हुए पूर्वोत्तर राज्यों को इस समय सीमा से मुक्त रखा गश है।
राशन कार्ड पर मिलने वाले खाद्यान्न की कीमत सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजने (डीबीटी) की योजना के बारे में पासवान ने बताया कि 3 केंद्र शासित क्षेत्र (पुदुचेरी, चंडीगढ़ और दादर नगर हवेली) में पायलट प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है।
इसके लिए उन्होंने पुदुचेरी सरकार की असहमित को मुख्य वजह बताते हुए कहा कि राज्य सरकारों की सहमति के बिना राशन कार्ड योजना को डीबीटी से नहीं जोड़ा जा सकता है। इसलिए फिलहाल एक देश एक राशन कार्ड योजना को लागू करने पर ही सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है।
पासवान ने कहा कि जहां राज्य सरकार सहमति देगी वहां डीबीटी के माध्यम से कैशलैस राशन वितरण होगा, जहां राज्य सरकारें सहमत नहीं होंगी, वहां इंतजार करेंगे।