Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सौ साल का हुआ एक रुपए का नोट, कैसा रहा इसका सफर...

हमें फॉलो करें सौ साल का हुआ एक रुपए का नोट, कैसा रहा इसका सफर...
मुंबई , गुरुवार, 30 नवंबर 2017 (08:18 IST)
मुंबई। शादियों का मौसम चल रहा है तो एक रुपए के नोट से जुड़े किस्से हम सभी को याद होंगे। शगुन देने के लिए अब तो एक रुपए का सिक्का लगे लिफाफे आने लगे हैं लेकिन एक दौर ऐसा था कि परिवार के सदस्य एक रुपए के नोट को ढूंढते फिरा करते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही एक रुपए का नोट 100 साल का हो चुका है और इसकी शुरुआत का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है।
 
हुआ यूं कि दौर था पहले विश्वयुद्ध का और देश में हुकूमत थी अंग्रेजों की। उस दौरान एक रुपए का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और इस प्रकार 1917 में पहली बार एक रुपए का नोट लोगों के सामने आया। इसने उस चांदी के सिक्के का स्थान लिया।
 
ठीक सौ साल पहले 30 नवंबर 1917 को ही यह एक रुपए का नोट सामने आया जिस पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी।
 
भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया क्योंकि इसकी लागत अधिक थी। इसके बाद इसे 1940 में फिर से छापना शुरु कर दिया गया जो 1994 तक अनवरत जारी रहा। बाद में इस नोट की छपाई 2015 में फिर शुरु की गई।
 
इस नोट की सबसे खास बात यह है कि इसे अन्य भारतीय नोटों की तरह भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता बल्कि स्वयं भारत सरकार ही इसकी छपाई करती है। इस पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता बल्कि देश के वित्त सचिव का दस्तखत होता है।
 
इतना ही नहीं कानूनी आधार पर यह एक मात्र वास्तविक ‘मुद्रा’ नोट (करेंसी नोट) है बाकी सब नोट धारीय नोट (प्रॉमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है।
 
दादर के एक प्रमुख सिक्का संग्राहक गिरीश वीरा ने कहा, 'पहले विश्वयुद्ध के दौरान चांदी की कीमतें बहुत बढ़ गईं थी। इसलिए जो पहला नोट छापा गया उस पर एक रुपए के उसी पुराने सिक्के की तस्वीर छपी। तब से यह परंपरा बन गई कि एक रुपये के नोट पर एक रुपए के सिक्के की तस्वीर भी छपी होती है।' शायद यही कारण है कि कानूनी भाषा में इस रुपए को उस समय ‘सिक्का’ भी कहा जाता था।
 
पहले एक रुपए के नोट पर ब्रिटिश सरकार के तीन वित्त सचिवों के हस्ताक्षर थे। ये नाम एमएमएस गुब्बे, एसी मैकवाटर्स और एच. डेनिंग थे। आजादी से अब तक 18 वित्त सचिवों के हस्ताक्षर वाले एक रुपए के नोट जारी किए गए हैं। 
 
वीरा के मुताबिक एक रुपये के नोट की छपाई दो बार रोकी गई और इसके डिजाइन में भी कम से कम तीन बार आमूल-चूल बदलाव हुए लेकिन संग्राहकों के लिए यह अभी भी अमूल्य है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमिताभ से भी बेहतर अभिनेता हैं नरेंद्र मोदी : राहुल गांधी