BJP MP Nishikant Dubey and EX CEC SY Qureshi controversy: झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा 'मुस्लिम कमिश्नर' कहे जाने पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाय कुरैशी बुरी तरह भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत पहले सीख लिया था कि कभी भी सूअर के साथ कुश्ती नहीं करनी चाहिए। इससे तुम गंदे हो जाते हो। इसके अलावा, सुअर को यह पसंद है।
पूर्व सीईसी कुरैशी ने कहा कि वे उस भारत के विचार में विश्वास करते हैं, जहां किसी व्यक्ति को उसकी धार्मिक पहचान से नहीं बल्कि उसके योगदान से परिभाषित किया जाता है। उन्होंने कहा- कुछ लोगों के लिए धार्मिक पहचान उनकी नफरत भरी राजनीति को आगे बढ़ाने का आधार है। कुरैशी ने कहा कि भारत अपने संवैधानिक संस्थानों और सिद्धांतों के लिए हमेशा से खड़ा रहा है, आज भी खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा और लड़ेगा भी।
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जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का उदाहरण : निशिकांत दुबे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के हवाले से कहा कि मैंने बहुत पहले सीख लिया था कि कभी भी सूअर के साथ कुश्ती नहीं करनी चाहिए। इससे गंदे हो जाते हो और सूअर को यह पसंद है। इस बीच, दिल्ली प्रशासनिक अधिकारियों के अकादमिक मंच के मानद अध्यक्ष आईएएस के. महेश ने कुरैशी का समर्थन करते हुए कहा कि वह अद्भुत व्यक्ति हैं। कई राजनीतिक दलों ने भी निशिकांत दुबे के बयान की आलोचना की है।
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क्या कहा था निशिकांत दुबे ने : भारत के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी से हंगामा मचाने के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को एसवाई कुरैशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि एक 'मुस्लिम आयुक्त' थे। इससे पहले कुरैशी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना करते हुए इसे 'मुस्लिमों की भूमि हड़पने की सरकार की भयावह और बुरी योजना' बताया था। दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर भी तीखा हमला बोला था और भारत में 'धार्मिक युद्ध' के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था।
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दुबे ने कहा था- आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, आप एक मुस्लिम आयुक्त थे। आपके कार्यकाल में झारखंड के संथाल परगना में सबसे अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता बनाया गया। उन्होंने कहा कि पैगंबर मुहम्मद का इस्लाम भारत में 712 ई. में आया था। उससे पहले यह भूमि (वक्फ) उस धर्म से जुड़े हिंदुओं या आदिवासियों, जैनियों या बौद्धों की थी।
दुबे ने कहा कि उनके गांव विक्रमशिला को 1189 में बख्तियार खिलजी ने जला दिया था और विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को आतिश दीपांकर के रूप में पहला कुलपति दिया था। उन्होंने कहा कि इस देश को एकजुट करो, इतिहास पढ़ो। पाकिस्तान को बांटकर बनाया गया था। अब कोई बंटवारा नहीं होगा। दुबे चार बार से झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सदस्य हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala