8 अरब की दुनिया में रह जाएंगे सिर्फ 10 करोड़ लोग, तबाही या कुछ और...
न्यूयॉर्क और लंदन जैसे विकसित नगर भुतहा शहरों में बदल जाएंगे
There will be a huge decline in the world population: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि वर्ष 2300 आते-आते दुनिया की आबादी केवल 10 करोड़ रह जाएगी? वर्तमान में दुनिया की आबादी 8 अरब है। 140 करोड़ आबादी तो अकेले भारत की ही है। यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय मूल के कंप्यूटर वैज्ञानिक सुभाष काक ने किया है। वह एक इंडो-यूएस रिसर्चर हैं और भारतीय प्रधानमंत्री के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIC) के सदस्य भी हैं।
एआई खा जाएगा नौकरियां, फिर... : आश्चर्य तो यह है कि न तो महामारी होगी और न ही कोई प्राकृतिक आपदा जिसके चलते दुनिया की आबादी घट जाएगी। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होगा (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस), जिसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। सुभाष काक ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट भी किया है। उन्होंने समझाने के लिए छोटा सा ग्राफिक्स भी दिया है। उनके मुताबिक एआई के बढ़ने के से सबसे बड़ा संकट नौकरियों पर आएगा। जब लोगों के पास नौकरियां नहीं रहेंगी तो उनके लिए परिवार चलाना भी स्वाभाभिक रूप से मुश्किल होगा, ऐसे में बच्चे पैदा होने की दर में भी आश्चर्यजनक रूप से गिरावट आएगी। धीरे-धीरे यानी 2300 तक वर्तमान जनसंख्या में से 2 फीसदी से भी कम लोग दुनिया बचेंगे।
न्यूयॉर्क और लंदन बन जाएंगे भूतहा शहर : न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में सुभाष काक ने कहा कि विश्व की जनसंख्या जबर्दस्त गिरावट आएगी और 2300 या 2380 में यह घटकर मात्र 100 मिलियन (10 करोड़) तक रह जाएगी। प्रोफेसर काक के अनुसार, ग्रह पर केवल इतने ही लोग बचे रहेंगे, जो कि ब्रिटेन की जनसंख्या से थोड़े ही ज्यादा हैं। लंदन और न्यूयॉर्क जैसे महान महानगर भूतहा शहरों में बदल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी निजी राय नहीं है। मेरे पास किताब में मौजूद सभी डेटा हैं। जनसंख्या में यह कमी हमारी आंखों के सामने भी हो रही है। वर्तमान में भी देखें तो लोगों ने बच्चे पैदा करना बंद कर दिया है। यूरोप, चीन, जापान में जनसंख्या में गिरावट देखने को मिल रही है। काक ने स्पेसएक्स के एलन मस्क की चेतावनियों का हवाला दिया, जो जन्म दर में गिरावट और जनसंख्या में गिरावट के बारे में काफी मुखर रहे हैं।
कौन हैं सुभाष काक : सुभाष काक एक भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और रिसर्चर हैं। वे ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी-स्टिलवॉटर में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के रीजेंट प्रोफेसर हैं। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के मानद विजिटिंग प्रोफेसर हैं। सुभाष भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) के सदस्य हैं। उन्होंने भारतीय दर्शन पर भी कई किताबें लिखी हैं। उनकी नई पुस्तक 'द वैदिक ट्रेडिशन' है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala