NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देश के की 15वीं राष्ट्रपति चुन ली गई है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को कुल 64.03 प्रतिशत वोट मिले हैं। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 2824 वोट मिले जिनका मूल्य 6,76,803 था और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 1877 वोट मिले, जिनका मूल्य 3,80,177 था। वहीं 53 अवैध वोट थे।
राष्ट्रपति चुनाव में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग से विपक्ष की एकता तार-तार हो गई है। आदिवासी बाहुल्य राज्य मध्यप्रदेश और असम में जमकर विपक्षी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। एक आंकड़े के मुताबिक 17 सांसदों के साथ विभिन्य राज्यों के 120 से अधिक विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की है।
अगर मतदान के रिजल्ट को देखा जाए तो सबसे अधिक क्रॉस वोटिंग असम में हुई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया कि राज्य में एनडीए के 79 विधायक हैं। जबकि वहां मुर्मू को 104 वोट मिले। यानी वहां विपक्ष के 25 विधायकों ने मुर्मू को वोट दिया है।
वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के विधायकों की क्रॉस वोटिंग को लेकर अलग-अलग दावा किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 से अधिक विधायकों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया।
वहीं प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 19 विधायकों ने अंतरआत्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की है। इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा के प्रति आदिवासी समाज के बढ़ते विश्वास को बताया।
वीडी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को निशाने पर लेते हुए कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस विधायकों पर दबाव डाला लेकिन विधायकों ने उनके दबाव को नहीं माना और उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटर किया।
राष्ट्रपति चुनाव में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का आदिवासी विरोधी चेहरा स्पष्ट दिखाई देता है और अगर कमलनाथ आदिवासी विरोधी चेहरा नहीं है तो क्या वह भी उन 19 लोगों में शामिल है जिन्होंने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया।
मध्यप्रदेश से सटे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकता तार-तार हो गई है। महाराष्ट्र में 16 विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। महाराष्ट्र में पहले ही शिवसेना और शिंदे गुट के विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में अपना समर्थन दे दिय़ा था।
ऐसे में 16 अन्य विधायकों के क्रॉस वोटिंग को कांग्रेस और एनसीपी में बड़ी सेंध माना जा रहा है। असम और मध्यप्रदेश के साथ-साथ गुजरात और झारखंड में 10-10, छत्तीसगढ़ और बिहार में 6-6, मेघालय में 7, गोवा में 4, हिमाचल प्रदेश में 2 और पश्चिम बंगाल में 2 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबर है।
2024 में मोदी के खिलाफ मोर्चेबंदी को झटका-राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की हार से ज्यादा बड़े पैमाने पर सांसदों और विधायकों की क्रॉस वोटिंग से विपक्ष की एकता को तगड़ा झटका लगा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को साझा उम्मीदवार बनाकर एकता का जो संदेश देने की कोशिश की थी, राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग ने उसकी पोल खोलकर रख दी है।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने 'वेबदुनिया' से बातचीत में कहा था कि विपक्षी दलों ने एकजुट होकर साझा उम्मीदवार तय किया है यह एक बहुत बड़ी बात है। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी को हाल की भारत की राजनीति में एक नई दिशा बताया था।
राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने यूपीए की एकजुटता पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। शिवसेना और जेएमएम का खुलकर एनडी उम्मीदवार के समर्थन देना बताया है कि भाजपा राष्ट्रपति चुनाव के जरिए यूपीए में सेंध लगाने की अपनी मुहिम में कामयाब हो गई। वहीं कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी, एनसीपी, टीएमसी को जिस तरह से क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा उसने इन दलों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
वहीं राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए मुझे पूरा भरोसा है कि वह एक उत्कृष्ट राष्ट्रपति होंगी जो आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगी और भारत की विकास यात्रा को मजबूत करेंगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के पक्ष में मतदान करने वाले सभी सांसदों और विधायकों का भी धन्यवाद किया।