नई दिल्ली। वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने रविवार को धमकी दी कि अगर केंद्र तीन हफ्तों के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं करने का फैसला किया।
पूर्व सैन्यकर्मियों के संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन (यूएफईएस) ने मांग की कि मुद्दे के तत्काल हल के लिए केंद्र पूर्व थलसेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को सरकार तथा उनके बीच औपचारिक रूप से मध्यस्थ नियुक्त करें।
पूर्व सैन्यकर्मियों ने ओआरओपी योजना में प्रदर्शनकारियों की उम्मीदों के अनुरूप सुधार के लिए सरकार को 15 दिनों का समय दिया। ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन तेज करने के पहले सरकार को सात दिनों का नोटिस दिया जाएगा।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल (अवकाशप्राप्त) सतवीर सिंह ने कहा, हम सरकार को 15 दिनों का समय दे रहे हैं, मध्यस्थता के लिए सरकार से अनुरोध कर रहे हैं और उसके बाद हम उन्हें सात दिनों का नोटिस देंगे।
उन्होंने मांग की कि वीके सिंह को मध्यस्थता के अधिकार देने की खातिर आज ही आदेश जारी किया जाए और हमारे साथ बातचीत की जाए तथा सरकारी ओआरओपी की सात विसंगतियों का तीन-चार दिनों में हल किया जाए। सिंह ने जंतर-मंतर पर यूएफईएस द्वारा आयोजित सैनिक आक्रोश रैली के दौरान यह मांग की। (भाषा)