Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

चिदंबरम ने गृहमंत्री शाह पर किया पलटवार, बोले- नए आपराधिक कानूनों से सिर्फ भ्रम पैदा हुआ

Advertiesment
हमें फॉलो करें P Chidambaram targeted Home Minister Shah regarding new criminal laws

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 2 जुलाई 2025 (19:52 IST)
P. Chidambaram hit back at Amit Shah : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि 3 नए आपराधिक कानून बनाने की कवायद निरर्थक थी और इससे न्यायाधीशों, वकीलों और पुलिस समेत न्याय के प्रशासन में केवल भ्रम पैदा हुआ है। चिदंबरम ने यह भी दावा किया कि नए अधिनियम ज्यादातर ‘कॉपी एंड पेस्ट’ वाले हैं और कुछ ही नए प्रावधान जोड़े गए हैं। चिदंबरम की यह टिप्पणी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 3 नए आपराधिक कानूनों के अधिनियमन को स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा सुधार करार दिए जाने के एक दिन बाद आई है।
 
शाह ने इस बात पर जोर दिया था कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) बनाए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों के सभी अधिकार सुरक्षित हैं और कोई भी अपराधी दंड से बच नहीं सकेगा।
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने चिदंबरम पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, यह वास्तव में उल्लेखनीय है कि जिस व्यक्ति ने वित्त मंत्री और गृहमंत्री दोनों के रूप में कार्य किया है, उसके हिस्से में कोई परिवर्तनकारी कानून नहीं है। मालवीय ने कहा, आपकी विरासत? प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में जासूसी करवाने का आरोप और विपक्ष के सदस्य के रूप में असहमति नोट लिखने की है। यह भारतीय शासन व्यवस्था में आपके योगदान का कुल योग है।
 
सरकार पर निशाना साधते हुए कि चिदंबरम ने कहा कि उसने बार-बार दावा किया है कि तीन आपराधिक कानून आजादी के बाद सबसे बड़े सुधार हैं, जबकि यह बात सच्चाई से कोसों दूर है। पूर्व गृहमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, मैंने तीन विधेयकों की जांच करने वाली स्थाई संसदीय समिति को एक असहमति नोट भेजा था और यह संसद में पेश की गई रिपोर्ट का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, मेरे असहमति नोट में संबंधित नए विधेयक के साथ आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा दर धारा की तुलना करने के बाद मैंने दावा किया था कि आईपीसी का 90-95 प्रतिशत, सीआरपीसी का 95 प्रतिशत और साक्ष्य अधिनियम का 99 प्रतिशत हिस्सा ‘कॉपी’ करके दिया गया है और संबंधित नए विधेयक में ‘पेस्ट’ कर दिया गया है। चिदंबरम ने कहा कि इन नए कानूनों से न्याय के प्रशासन में सिर्फ भ्रम पैदा हुआ है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Gold Price : सोने में फिर तेजी, कीमत 500 रुपए बढ़कर 99,170 रुपए प्रति 10 ग्राम