नई दिल्ली। इस बार खेलों के पद्म पुरस्कारों में महिला खिलाड़ियों ने दबदबा बनाया है तथा जहां टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल को पद्म भूषण वहीं तीरंदाज दीपिका कुमारी को पद्मश्री के लिए चुना गया है।
इन तीनों ने पिछले साल शानदार प्रदर्शन किया और अपने-अपने खेलों में देश का गौरव बढ़ाया। सानिया ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फार्म दिखाई और पिछले साल स्विस स्टार मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर दो ग्रैंड स्लैम सहित कुल नौ खिताब जीते।
अपने शानदार प्रदर्शन से वे डब्ल्यूटीए युगल रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रहीं। यह 29 वर्षीय खिलाड़ी अभी मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भाग ले रही हैं, जहां उन्होंने हिंगिस के साथ मिलकर महिला युगल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है।
सानिया ने कहा कि इस पुरस्कार से उन्हें अपने देश के लिए आगे भी उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इस हैदराबादी खिलाड़ी ने इससे पहले पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार हासिल किए थे।
सानिया ने मेलबर्न से कहा, पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाना वास्तव में सुखद अनुभव है और इससे मुझे मेरे देश के लिए और अधिक उपलब्धियां हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। साइना ने भी बेहतरीन खेल दिखाया तथा पिछले साल ऑल इंग्लैंड और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के साथ इंडिया ओपन सुपर सीरीज और सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड के खिताब जीते।
साइना अभी सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट खेलने के लिए देश में हैं और उन्होंने कहा कि इस सम्मान से वे हैरान हैं। दिलचस्प बात है कि इस 25 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले साल पुरस्कार नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की थी।
साइना ने कहा, यह बहुत बड़ा सम्मान है और मैं यह पुरस्कार देने के लिए मंत्रालय का आभार व्यक्त करती हूं। पिछले साल के प्रदर्शन से मैं बहुत खुश हूं। मैं अच्छा प्रदर्शन कर रही हूं। पिछले साल मैं नंबर एक पर पहुंची और अब विश्व में नंबर दो हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस पुरस्कार से मेरा इस वर्ष अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मनोबल बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, इससे मैं पूरी तरह से हैरत में पड़ गई। मैंने उम्मीद नहीं की थी। इसके बारे में कोई खबर नहीं थी। जब मैं यह सोचती हूं कि मैं केवल 25 साल की हूं और यह पुरस्कार हासिल कर रही हूं तो बहुत अच्छा लगता है। लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है। साइना पिछले साल तब निराश हो गई थीं, जब खेल मंत्रालय ने शर्तों का हवाला देकर उनका आवेदन नामंजूर कर दिया था।
मंत्रालय ने पिछले साल ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार को पुरस्कार के लिए चुना था। साइना को 2010 में खेल रत्न और पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और उन्होंने 2009 में अर्जुन पुरस्कार हासिल किया था।
अगले महीने होने वाले दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों में लगी दीपिका इससे पहले अर्जुन पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं और उन्होंने कहा कि आज की घोषणा से वे हैरान रह गईं।
उन्होंने कहा, मैं बहुत हैरान हूं। मुझे इस पर विश्वास नहीं हो रहा है। चार-पांच दिन पहले ही मैं अपनी मित्र से बोल रही थी कि मेरा सपना पद्म पुरस्कार हासिल करना है और इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं।
दीपिका ने कहा, और एक दिन देर रात में मुझे महासंघ से फोन आया कि मेरा नाम नामित किया गया है। मैंने सोचा कि यह केवल नामांकन है और मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन आज सुबह पता चला कि मुझे पुरस्कार के लिए चुना गया है और मैं खुशी से उछल पड़ी। इसके बाद कई फोन आने लगे। मैंने अपने कोच और माता-पिता का आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा, मैं अपने माता-पिता और कोच धर्मेन्द्र तिवारी और पूर्णिमा महतो को यह पुरस्कार समर्पित करती हूं, जिन्होंने मेरे शुरुआती वर्षों में मेरा पूरा साथ दिया। जब मैंने 2012 में राष्ट्रपति से अर्जुन पुरस्कार हासिल किया था तो मेरे पिताजी साथ में थे।
उन्होंने कहा, इस बार मेरे पिताजी ने कहा कि मुझे मां को साथ में ले जाना चाहिए, मैंने कहा कि इस बार मैं आप दोनों को लेकर जाऊंगी। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। दीपिका ने कहा कि इस पुरस्कार से उन्हें इस साल रियो ओलंपिक में पदक जीतने की प्रेरणा मिलेगी। (भाषा)