जयपुर/ मुबंई। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की रिलीज से एक दिन पहले राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों के कस्बों और शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। राजपूत समूह अभी भी फिल्म का कड़ा विरोध कर रहे हैं। हरियाणा के गुड़गांव में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने एक बस में आग लगा दी और राजमार्ग पर यातायात बाधित किया।
इधर, लखनऊ में गुस्साई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जयपुर में कथित तौर पर करणी सेना के सदस्यों ने राज्य परिवहन की दो बसों को क्षतिग्रस्त किया और शहर के कलवर इलाके में एक मार्ग को अवरुद्ध किया। मुंबई और नासिक से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया।
इस बीच, अहमदाबाद में पुलिस ने कल रात मॉल के बाहर हुई तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं के संबंध में 50 लोगों को गिरफ्तार किया। प्रदर्शनकारियों ने शहर में तीन मल्टीप्लेक्स के बाहर खड़े 30 स्कूटरों और बाइक को आग लगा दी थी। विवादित फिल्म के लिए एक और बुरी खबर आई।
लगभग 75 फीसदी मल्टीप्लेक्स मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक अशर ने हमने चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और गोवा में फिल्म नहीं चलाने का फैसला किया है क्योंकि स्थानीय प्रबंधन ने हमें बताया कि कानून-व्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं।
इधर, गुजरात के सिनेमाघर मालिकों ने आज कहा कि फिल्म को लेकर पैदा विवाद सुलझने तक राज्य के किसी भी मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर में इस फिल्म को नहीं दिखाया जाएगा। पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश में करीब 200 प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक तीन को अवरुद्ध किया।
करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा कि जिन थिएटरों में फिल्म दिखाई जाएगी वहां जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा।उन्होंने दावा किया कि शिवसेना नेताओं ने करणी सेना को इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच सपने का एक दृश्य है जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हालांकि पहले फिल्मकारों ने भरोसा दिलाया था कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य नहीं है।
गुड़गांव में स्कूली बस पर हमला : गुड़गांव में जी डी गोयनका वर्ल्ड स्कूल के 20-25 छात्र बाल बाल बच गए जब पद्मावत फिल्म की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भीड़ ने उनकी बस पर हमला कर दिया। स्कूल के छात्र अपने घर लौट रहे थे तभी करीब 60 प्रदर्शनकारियों ने लाठियों से बस पर हमला करते हुए ड्राइवर से गाड़ी रोकने को कहा। ड्राइवर ने जब ध्यान नहीं दिया तो असमाजिक तत्वों ने पथराव किया, जिससे बस के कुछ शीशे टूट गए। घटना से खौफजदा बच्चों ने मदद के लिए पुकार लगायी। सौभाग्य से हमले में कोई भी बच्चा घायल नहीं हुआ।
जम्मू में सिनेमा हॉल में तोड़फोड़ : जम्मू में 50 से अधिक बदमाशों ने के सी सेंट्रल सिनेमा हॉल को निशाना बनाया, उसकी खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए और टिकट काउंटर में आग लगाने की कोशिश की। जम्मू के अतिरिक्त उपायुक्त अरुण मन्हास ने उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी तथा प्रदर्शनकारियों को नुकसान करने नहीं दिया जाएगा।
मथुरा में ट्रेन के सामने किया प्रदर्शन : फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज़ किए जाने से एक दिन पूर्व आज यहां ब्रज मण्डल क्षत्रिय राजपूत महासभा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से आगरा जा रही पैसेंजर ट्रेन के सामने खडे़ होकर प्रदर्शन किया। महासभा के अध्यक्ष कुंवर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में करीब एक सैंकड़ों कार्यकर्ता भूतेश्वर स्टेशन पहुंचकर ट्रेन के आगे खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। वे गुरुवार को फिल्म रिलीज़ किए जाने का विरोध कर रहे थे।
‘पद्मावत’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में नई याचिका : फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब एक वकील ने फिर से उच्चतम न्यायालय में इस फिल्म के खिलाफ याचिका दायर कर दी है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 29 जनवरी को इस नयी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है।
इस पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूण भी हैं। पहले के अपने दो प्रयासों में विफल रहे वकील एमएल शर्मा ने अपनी नयी याचिका में पिछले साल 20 नवंबर को शीर्ष अदालत की ओर से दिए गए उस आदेश का हवाला दिया है जिसमें न्यायालय ने फिल्म से कुछ विवरण निकालने को कहा था। यह आदेश भी शर्मा की याचिका पर ही आया था।
न्यायालय ने 20 नवंबर को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जब फिल्म केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष लंबित है तो फिर वह फिल्म के बारे में पहले से कोई राय नहीं दे सकता। वकील ने अपनी नयी याचिका में कहा है कि उनकी पहले की याचिका पर न्यायालय ने फिल्म से जिन बातों को हटाने का निर्देश दिया था वे अभी उसमें शामिल हैं, ऐसे में फिल्म से इनको हटाया जाना चाहिए।
राजपूत मंत्री ने कहा सरकार जनभावना के साथ : गुजरात में पद्मावत विरोधी हिंसा पर नियंत्रण के मामले में राज्य सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने के आरोपों के बीच राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिल्म से प्रतिबंध हटाने के निर्णय के बावजूद राज्य सरकार इस प्रकरण में जनभावना के साथ है।
स्वयं भी राजपूत समुदाय से संबंध रखने वाले चूडासमा ने इस फिल्म के विरोध में कल रात अहमदाबाद में हुई हिंसा (जिसमें चार मॉल और सिनेमाघर के समक्ष 30 से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए और तोड़फोड़ की गयी) को नियंत्रण करने में विफलता के आरोपों का सामना कर रहे अपने ही समुदाय के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा और गुजरात राज्य औद्योगिक विकास निगम के चेयरमैन बलवंतसिंह राजपूत के साथ राजपूत संगठनों के साथ यहां सर्किट हाऊस में बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।