उड़ी हमले में देश के 20 जवान शहीद हो गए और इस हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत मिले हैं। इसके बाद एक कार्रवाई करते हुए सेना ने घुसपैठ कर रहे 10 आतंकियों को मार गिराया। इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा भी है, लेकिन शायद आपको पता हो कि भारतीय सेना के पास कुछ ऐसे हथियार हैं, जिनसे दुनिया के सभी देश खौफ खाने को मजबूर हो सकते हैं। भारतीय सेनाओं में शामिल ये हथियार हर परिस्थिति का सामना करने और जवाब देने में सक्षम हैं।
आईएनएस INS विक्रमादित्य : यह समंदर पर चलता-फिरता अभेद्य किला है जो कि 283.5 मीटर लंबा, 20 मंजिला ऊंचा और 44 हजार 500 टन भारी है। यह एक साथ 30 लड़ाकू जहाज ले जा सकता है। इस पर छह कोमोव-31 हेलीकॉप्टर भी तैनात रहते हैं, जो इसे पनडुब्बी हमले से भी बचा सकते हैं। विक्रमादित्य 6 नली वाली एके-630 तोप से लैस है। जमीन से हवा पर मार करने वाली बराक मिसाइल इसे दुश्मन के लड़ाकू विमानों से बचाएंगे।
यह 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से युद्धक्षेत्र तक पहुंच सकता है। अपनी राडार प्रणाली से यह अपने चारों तरफ 500 किलोमीटर के इलाके तक वार कर सकता है। 500 किलोमीटर की रेडियस में समुद्र की दसों दिशाओं पर नजर रख सकता है। इस पर 6 डीजल जनरेटर लगे हैं, जिससे 18 मेगावॉट बिजली मिलती है। 18 मेगावॉट बिजली से आराम से एक छोटा शहर रौशन हो सकता है। इस पर एक वक्त में 1600 से 1800 नौसैनिक मौजूद रहते हैं।
सुखोई-30 एमकेआई : इसे दुनिया के सबसे तेज फाइटर विमानों में से एक माना जाता है। यह हवा में ही ईंधन भर सकता है। यह 1350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मनों पर वार कर सकता है। इसका वजन 4600 किलोग्राम और लंबाई 8.56 मीटर है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद 8 हजार किलो तक के हथियार लेकर 5200 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल रखने की भी छमता है।
आईएनएस अरिहंत : नौसेना के इस पनडुब्बी पर 12 शॉर्ट रेंज के-15 मिसाइल और 4 लंबी दूरी की के-4 बैलिस्टिक मिसाइल तैनात की जा सकती हैं जो कि 700 से लेकर 3500 किमी तक मार कर सकती हैं। यह पानी के अंदर, जमीन और हवा से परमाणु हमला करने में सक्षम है। यह 6 हजार टन वजनी न्यूक्लियर सबमरीन (परमाणु पनडुब्बी) है।
और भी हैं भारतीय तरकश में कुछ घातक तीर... पढ़ें अगले पेज पर....
ब्रह्मोस : यह देश की सबसे आधुनिक और दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। दुनिया की कोई भी मिसाइल इस मामले में इसके आगे नहीं है। यह परमाणु हथियारों की तकनीक से भी लैस है और 290 किमी दूरी तक को लक्ष्य कर वार कर सकता है। इसे जमीन, पनडुब्बी, पानी के जहाज या विमान से छोड़ा जा सकता है। इस दागे जाने के बाद यदि लक्ष्य रास्ता बदल ले तो यह मिसाइल अपना रास्ता बदलकर भी लक्ष्य पर निशाना साध सकती है।
अग्नि-1 मिसाइल : इसकी मारक क्षमता 700 किमी है और 9 मिनट 36 सेकेंड में अपने लक्ष्य को भेद सकती है। यह 15 मीटर लंबी है, जबकि इसका वजन 12 टन है। यह एक टन से ज्यादा वजनी पे-लोड ले जाने की क्षमता रखती है। इसमें अत्याधुनिक नौवहन प्रणाली लगाई गई है जो यह सुनिश्चित करती है कि यह पूरी सटीकता से लक्ष्य तक मार करे। रेंज, सटीकता और अपने प्रयोजन के संदर्भ में इस मिसाइल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसकी मारक दूरी को पेलोड कम करके बढ़ाया जा सकता है।
सी-130 जे हरक्यूलिस : वायुसेना का यह मालवाही विमान खराब मौसम में उड़ान भरने के साथ लैंडिंग कर सकता है। इसे लैंड करने के लिए ज्यादा रनवे की जरूरत नहीं पड़ती है। यह 20 टन तक सामान ले जा सकता है। इसमें करीब 80 सैनिक हथियारों के साथ उड़ सकते हैं।
वायुसेना का यह सबसे बड़ा विमान है। उत्तराखंड आपदा के समय भी इस विमान ने 'ऑपरेशन राहत' में बड़ी भूमिका निभाई थी। भारत सी-130-जे का बेड़ा रखने वाले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, इटली, नार्वे और ब्रिटेन जैसे देशों के समूह में शामिल है।