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पाकिस्तानी उच्चायोग के जासूस अधिकारी को देश निकाला, एक और गिरफ्तार

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नई दिल्ली/ जयपुर , गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016 (22:32 IST)
नई दिल्ली/ जयपुर। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कटुता उस समय और बढ़ गई जब दिल्ली पुलिस के पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को जासूसी के लिए रक्षा दस्तावेजों के साथ पकड़े जाने के बाद भारत ने उसे अवांछित व्यक्ति करार देकर 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा तो वहीं दूसरी तरफ भारत के खुफिया रक्षा दस्तावेजों को पाकिस्तान तक पहुंचाकर जासूसी करने वाले दो भारतीय नागरिकों को मदद पहुंचाने के मामले में  राजस्थान के एक और युवक को पुलिस ने आज गिरफ्तार किया।
दिल्ली पुलिस ने कल यहां चिड़ियाघर के पास छापा मारकर पाकिस्तानी उच्चायोग में पदस्थ अधिकारी महमूद अख्तर और दो अन्य भारतीय नागरिकों मौलाना रमजान और सुभाष जांगीर को पकड़ा और उनके पास से सीमा एवं नियंत्रण रेखा पर सेना तथा सीमा सुरक्षा बल की तैनाती से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज और मानचित्र बरामद किए थे।
 
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने सुबह यहां साउथ ब्लॉक में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाया तथा अख्तर को पुलिस द्वारा पकड़े जाने की जानकारी दी और उन्हें इस मामले में बरामद साक्ष्य दिखाए। 
 
इसके बाद डॉ. जयशंकर ने महमूद अख्तर को अवांछित घोषित करने के फैसले की जानकारी दी और उसे परिवार के साथ 29 अक्टूबर तक यानी 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का फरमान सुनाया। इस बीच पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने अख्तर को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने एवं उस पर कथित रूप से बल प्रयोग किए जाने पर सख्त एतराज जताते हुए भारत पर विएना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। 
 
पाकिस्तानी उच्चायोग के सूत्रों के अनुसार बासित ने अख्तर पर लगाये गये आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तानी उच्चायोग ऐसी किसी गतिविधि में संलिप्त नहीं होता जो राजनयिक आचार के विरुद्ध हो। 
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अख्तर ने पुलिस के समक्ष जैसे ही अपने 
 
पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मी होने का परिचय दिया, पुलिस उनके साथ पूरी शिष्टता से पेश आई और उन्हें उच्चायोग के एक अधिकारी के हवाले कर दिया गया। उन्होंने बासित के विएना संधि के  उल्लंघन के आरोपों पर हैरानी जताते हुए कहा कि अख्तर के रंगेहाथों पकड़े जाने के बावजूद पुलिस  उसके साथ पूरी शिष्टता से पेश आई और अख्तर ने जाने से पहले बातचीत में स्वयं इस बात को  स्वीकार किया था कि उसके साथ कोई अभद्रता नहीं की गई है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या अख्तर को राजनयिक का दर्जा प्राप्त है और वह राजनयिक छूट का पात्र है, प्रवक्ता ने कहा कि तकनीकी रूप से अख्तर राजनयिक की श्रेणी में नहीं आता और उसके पास राजनयिक पासपोर्ट नहीं है, लेकिन परंपरा के आधार पर उसे राजनयिक छूट प्रदान की गई। 
 
स्वरूप ने बताया कि अख्तर पाकिस्तानी उच्चायोग में काउंसिलर (ट्रेड) फारुक हबीबी के सहायक के रूप में कार्यरत है। वह 1997 में पाकिस्तानी सेना की 40 बलूच रेजीमेंट में शामिल हुआ था। उसे 2013 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया और उसी साल सितंबर में नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात किया गया। 
 
पाकिस्तान की गिरफ्त में भारतीय सैनिक चंदू चौहान की रिहाई की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच स्थापित चैनलों के माध्यम से भारतीय सैनिक की रिहाई के प्रयास जारी हैं। 
 
दूसरी तरफ राजस्थान में गिरफ्तार युवक की पहचान जोधपुर में खांडा फलसा स्थित जटियों का मोहल्ला निवासी शोएब के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में संदिग्धों के गिरफ्तार  होने के बाद शोएब पुलिस की नजर से बचकर वहां से जोधपुर के लिए रवाना हो गया था, लेकिन पुलिस  ने उसे नागौर जिले के मेड़ता स्टेशन में ट्रेन में पकड़ लिया।
 
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट और जोधपुर पुलिस आयुक्त अशोक राठौड़ ने शोएब की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार मेडता में गिरफ्तार किया गया युवक शोएब ही है। नागौर के पुलिस अधीक्षक परेश देशमुख ने यूनीवार्ता को बताया कि अभी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा सकती।
 
बताया जाता है कि युवक पासपोर्ट एवं वीजा एजेंट है। इसी बहाने वह पाकिस्तान के जासूसों के लिए भी फर्जी पासपोर्ट बनवाकर वीजा उपलब्ध करवाता है। पुलिस ने शोएब के जोधपुर स्थित घर के लोगों से भी पूछताछ की है। संभावना है कि पुलिस शोएब को दिल्ली ही लेकर जाएगी और वहीं उससे पूछताछ की जाएगी। (वार्ता)


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