पटना। बिहार की राजधानी पटना के गांधी घाट के सामने गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग उत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की दो नौकाएं एनआइटी घाट के निकट डूब गई। हादसे के बाद से अब तक 24 लोगों के शव बरामद किए जा सके हैं, जबकि कई अभी भी लापता हैं।
प्रधानमंत्री ने इस हादसे में मरने वाले लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। पीएम ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार देने की घोषणा।
वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं।
स्थानीय लोगों ने हादसे की मोबाइल फोन से वीडियो बनाई है जिससे यह स्पष्ट होता है कि दो नावों पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे। बीच नदी में दोनों नाव जब करीब आयी तब नाव पर सवार लोग एक नाव से दूसरे नाव पर जाने की काशिश करने लगे, इसी दौरान नाव का संतुलन बिगड़ गया और दोनों नाव नदी में डूब गई।
दुर्घटना के बाद कई लोग तैरकर बाहर निकल आए। कुछ को एसडीआरएफ की टीम ने लाइफ जैकेट और ट्यूब फेंककर बचा लिया। बचाए गए लोगों को गंभीर स्थिति में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 10 पुरुष,तीन बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि नौका दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर नौका दुर्घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत,पटना के पुलिस उपमहानिरीक्षक शालीन और पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने तथा इस पूरे प्रकरण की संयुक्त रूप से जांच का निर्देश भी दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह भी देखें कि दियारा क्षेत्र में क्या आयोजन था और इसके लिए आयोजकों द्वारा क्या समुचित व्यवस्था की गई थी या नहीं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में सभी आयोजनों को भी रद्द करने का निर्देश दिया।