नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को तत्काल वहां से हटाने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया है कि सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से लोगों को आवागमन में कठिनाइयां हो रही हैं और इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े से कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो सकती है।
याचिका में प्राधिकारियों को दिल्ली सीमा की सड़कों को खुलवाने, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्धारित स्थान पर भेजने और कोविड-19 मामलों के प्रसार को रोकने के लिए धरना स्थल पर सामाजिक दूरी बनाने तथा मास्क लगाने के लिए दिशा-निर्देश देने का अनुरोध न्यायालय से किया गया है। यह याचिका कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने दायर की है।
याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी लेकिन इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरुद्ध कर दिया है।
अधिवक्ता ओमप्रकाश परिहार के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे इस विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है और सीमाओं को बंद कर दिया है जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। यही नहीं, इस वजह से सरकार और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।
याचिका में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीनबाग में धरना प्रदर्शन करके सड़क अवरुद्ध करने के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के 7 अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया है। इस मामले में न्यायालय ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता और एक निश्चित स्थान पर ही अपनी असहमति और विरोध प्रकट करना होगा।
याचिका में सरकार के कोविड-19 दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र नहीं होने के परामर्श दिए जाने के बावजूद लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हैं और इससे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। याचिकाकर्ता ने दिल्ली की सीमा पर इतनी बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को तितर-बितर करने और उन्हें पहले से ही निर्धारित स्थान पर भेजने के लिए तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि इनका जमावड़ा कोविड महामारी के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
याचिका के अनुसार कोविड के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि यह विरोध प्रदर्शन तुरंत बंद किया जाए और कोरोनावायरस महामारी खत्म होने के बाद किसान फिर प्रदर्शन कर सकते हैं।(भाषा)