नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा बनाए गए एक स्मारक पर धातु की बनी 2 तख्तियां लगाए जाने की योजना है जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को 1984 के दंगों के लिए दोषी ठहराया जाएगा। समिति इस स्मारक का निर्माण पीड़ितों के प्रति हुए अन्याय को याद दिलाने के लिए कर रही है।
1984 रायट विक्टिम्स काउंसिल (दंगा पीड़ित परिषद) ने समिति के पदाधिकारियों को धातु की 2 तख्तियां 'दास्तान-ए-इंदिरा गांधी' और 'दास्तान-ए-राजीव गांधी' सौंपीं। इन तख्तियों पर लिखा है- 'तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्री हरमंदर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब, श्री अमृतसर साहिब पर हमला करके तानाशाहीपूर्ण तरीके से ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया। वहां सिख संगत श्री गुरु अर्जनदेव की शहादत को याद करने के लिए एकत्र हुई थी।'
इनमें लिखा है- 'इस कथित सैन्य अभियान में हजारों सिख मारे गए, पवित्र वस्तुओं का निरादर किया गया और श्री अकाल तख्त को गिरा दिया गया। सैकड़ों सिख सैनिकों को देशद्रोह के झूठे मामले में फंसाया गया, उन्हें उनकी बैरकों से निकालकर मार दिया गया।' समूह ने कहा कि दंगा पीड़ितों की विधवाएं इन तख्तियों को लेकर गुरुद्वारे जाएंगी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि तख्तियां सच बयां करती हैं। यह हुआ है। इंदिरा और राजीव ने ऐसा किया है। हमें तख्तियां मिली हैं। समिति के सदस्य अब यह तय करेंगे कि इन्हें कहां लगाया जाना है?
सिरसा ने कहा कि हमें बस इस बात पर चर्चा करनी है कि क्या ये दोनों हमलावर इस लायक हैं कि इनका नाम गुरुद्वारे के स्मारक में लगाया जाए? (वार्ता)