Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पीएम मोदी ने लिखी देश के नाम चिट्ठी

हमें फॉलो करें पीएम मोदी ने लिखी देश के नाम चिट्ठी
नई दिल्ली , मंगलवार, 26 मई 2015 (09:20 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया, जिनमें अर्थव्यवस्था में सुधार लाने से लेकर गरीबों के लिए उठाए जाने वाले कदम तक शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की शुरुआत भर है।
 
लोगों के नाम लिखे खुले पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सरकार में विश्वास की बहाली करने में कामयाब रहे हैं। हम एक भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने में, राष्ट्रीय विकास के कार्य में राज्य सरकारों को बराबरी का भागीदार बनाने में और टीम इंडिया की भावना का सृजन करने में कामयाब रहे हैं।
 
मोदी ने कहा कि लोगों ने एक साल पहले ‘प्रधानसेवक’’ बनाकर जो जिम्मेदारी और सम्मान उन्हें दिया था, उसका निवर्हन पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ करने के लिए उन्होंने अपने शरीर और आत्मा के हर कण को समर्पित कर दिया है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक ऐसे समय पर पद संभाला था, जब भारत की कहानी में विश्वास घट रहा था। लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार और अनिर्णय की स्थिति ने सरकार को पंगु बना दिया था। लगातार बढ़ती महंगाई और आर्थिक असुरक्षा के बीच लोगों को असहाय छोड़ दिया गया था।'
 
मोदी ने कहा कि तत्काल और निर्णयकारी कदम उठाया जाना जरूरी हो गया था। पद पर एक साल रहने के दौरान का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यवस्थित तरीका अपनाया। लगातार बढ़ती कीमतों को तत्काल नियंत्रण में लाया गया।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थायी और नीति आधारित सक्रिय शासन की बदौलत हमारी मुरझा चुकी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी गई।
 
उन्होंने कहा कि देश के कीमती प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन मनमर्जी से कुछ गिने चुने लोगों को कर दिए जाने की जगह पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया लाई गई। काले धन के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए, जिनमें एसआईटी का गठन करना और काले धन के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए कड़ा कानून पारित करना शामिल रहा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि इरादों और कार्यों दोनों में शुद्धता के सिद्धांत पर कायम रहने के कारण भ्रष्टाचार-मुक्त शासन सुनिश्चित किया जा सका।
 
उन्होंने कहा कि कार्य संस्कृति में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव लाए गए हैं, जो कि पेशेवराना अंदाज के साथ-साथ संवेदनाओं का भी पोषण करते हैं और व्यवस्थाओं को मजबूत करने के साथ-साथ अवरोधों को तोड़ते हैं।
 
मोदी ने कहा कि टीम इंडिया की भावना तैयार करने और राष्ट्रीय विकास के लिए प्रयासों में राज्य सरकारों को बराबर का सहयोगी बनाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण, 'हम सरकार में विश्वास बहाल करने में कामयाब रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार गरीबों, वंचितों और पीछे छूट गए लोगों के लिए प्रतिबद्ध है और यह अंत्योदय के सिद्धांत से निर्देशित है।
 
उन्होंने कहा कि हम उन्हें अधिकारसंपन्न बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि वे गरीबी के खिलाफ जंग में हमारे सैनिक बन सकें।
 
मोदी ने कहा कि स्कूलों में शौचालय बनाने से लेकर आईआईटी, आईआईएम और एम्स स्थापित करने, बच्चों को टीका मुहैया कराने से लेकर लोगों द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने तक, श्रमिकों को न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करने से लेकर आम आदमी को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने तक, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों की मदद में वृद्धि से लेकर डब्ल्यूटीओ में उनके हितों की रक्षा तक कई कदम और योजनाएं शुरू की गई हैं।
 
उन्होंने कई अन्य पहलों का भी जिक्र किया। इस क्रम में उन्होंने स्व.सत्यापन, सब्सिडी सीधे लोगों के बैंक खातों में दिए जाने, बैंकिंग व्यवस्था के सार्वभौमिक किए जाने से लेकर छोटे व्यापारियों के वित्तपोषण की सुविधा, खेतों की सिंचाई से लेकर मां गंगा के पुनरूद्धार तक का जिक्र किया।
 
मोदी ने 24 घंटे बिजली, सड़क और रेल से देश को जोड़ने, बेघरों के लिए घरों का निर्माण, छोटे शहरों की स्थापना, पूर्वोत्तर को जोड़ना और पूर्वी भारत के विकास को प्राथमिकता देने की दिशा में प्रयासों का भी जिक्र किया।
 
उन्होंने कहा, 'मित्रों, यह सिर्फ शुरुआत है।' 'हमारा उद्देश्य बुनियादी ढांचा, सेवाओं और जीवन की गुणवत्ता में बदलाव लाना है। हम लोग मिलकर आपके और अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों के भारत का निर्माण करेंगे।'
 
उन्होंने अंत में कहा, 'इसके लिए, मैं आपका आशीर्वाद और समर्थन जारी रखने की मांग करता हूं।' (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi