नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के सभी अंगों से साथ मिलकर काम करने और नौकरशाही को त्वरित निर्णय लेने को कहते हुए वादा किया कि अच्छी मंशा के साथ ईमानदारी से लिए गए फैसलों को हमेशा प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, 70 से ज्यादा अवर सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि सुशासन अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वह भारत के 100 सबसे पिछड़े जिलों पर ज्यादा ध्यान दें ताकि विकास के विभिन्न मानदंडों पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन का गठजोड़ नागरिकों के कल्याण के लिए आवश्यक है।
उन्होंने सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्ति के लिए सरकार के सभी अंगों के एक साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने पर जोर दिया।
चुप्पी तोड़ने के महत्व पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी आंतरिक संचार-संवाद होना चाहिए।
बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि सभी अधिकारियों को गरीबों को आम जनता को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सर्वोच्च लाभ पहुंचाने का अधिकारियों के पास यह अभूतपूर्व अवसर है।
प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी मंशा के साथ ईमानदारी से लिए गए फैसलों को केन्द्र सरकार हमेशा प्रोत्साहित करेगी।
बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान अधिकारियों ने डिजिटल एवं स्मार्ट शासन, प्रशासनिक प्रक्रिया और जवाबदेही, पारदर्शिता, किसानों की आय दोगुनी करना, कौशल विकास, स्वच्छ भारत, उपभोक्ता अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और 2022 तक नए भारत के निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया सकारात्मक आशाओं के साथ भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को लगता है कि सफल भारत वैश्विक संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारत के आम लोगों में भी बहुत अच्छा करने की प्रतिभा है। सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले युवा, अपने सीमित संसाधनों के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं और खेल में बड़ा नाम कमा रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह अपनी सेवा के पहले तीन साल की ऊर्जा और क्षमता को याद करते हुए ऐसी प्रतिभाओं को बढ़ावा दें। (भाषा)