नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक संबोधन की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी समारोह के अवसर पर यहां विद्यार्थियों के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
सम्मेलन का विषय है- 'युवा भारत, नया भारत- पुनरुत्थानकारी राष्ट्र : संकल्प से सिद्धि तक।' विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) और केन्द्र सरकार ने देशभर में 40 हजार से ज्यादा विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थाओं में इसे सीधे प्रसारित करने का सर्कुलर जारी किया है।
यूजीसी के इसी आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा है कि वह इसे नहीं मानें।
राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि केन्द्र का यह कदम देश में शिक्षा के भगवाकरण की कोशिश है। उन्होंने कहा है कि राज्यों की सहमति के बिना केन्द्र सरकार भाषण के सीधे प्रसारण को किसी पर जबरन थोप नहीं सकती। यूजीसी के निर्देशों का पालन करना बाध्यता नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या और हड़बड़ी में वस्तु एवं सेवाकर लागू करने जैसे विषयों पर चर्चा से बचने के लिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
इस बीच भाजपा नेता नलिन कोहली ने इस विरोध को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रधानमंत्री का संदेश छात्रों तक नहीं पहुंचने देना चाहतीं हैं। (भाषा)