नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी में आसन्न चक्रवात जवाद से निपटने की राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की और अधिकारियों को जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए हरसंभव कदम उठाने, बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित करने व इनमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने पर उन्हें तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता और उनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के साथ ही चौबीसों घंटे काम करने वाले कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक और भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक सहित कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष चक्रवात की वर्तमान स्थिति और इसके संभावित असर के बारे में एक प्रस्तुति के जरिए जानकारी दी गई। ऐसी आशंका जताई गई है कि चक्रवात आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि एक चक्रवाती तूफान शनिवार की सुबह आंध्रप्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंच सकता है। ओडिशा सरकार ने राज्य के 13 जिलों के जिलाधिकारियों को लोगों को तटीय इलाकों से बाहर निकालने और राहत व बचाव कार्य के लिए तैयार रहने को कहा है।