G20 University Connect : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पिछले 30 दिन में उन्होंने 85 देशों के नेताओं के साथ बैठकें कीं और इस दौरान भारत की कूटनीति एक नई ऊंचाई पर पहुंची है। प्रधानमंत्री मोदी भारत मंडपम में आयोजित जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा कि पिछले 30 दिन में समाज के विभिन्न वर्गों के सशक्तीकरण के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई, एक लाख से ज्यादा नौजवानों को केंद्र सरकार में सरकारी नौकरी दी गई और इसी अवधि में नए संसद भवन में संसद का सत्र हुआ जिसमें महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ।
उन्होंने कहा कि पिछले 30 दिन में भारत की कूटनीति एक नयी ऊंचाई पर पहुंची है। जी20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ और भारत के प्रयास से ब्रिक्स समुदाय में छह नए देश शामिल किए गए।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के बाद वह यूनान गए जो गत 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले उन्होंने इंडोनेशिया में भी विश्व के अनेक नेताओं के साथ बैठकें कीं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद जी20 सम्मेलन के दौरान इसी भारत मंडपम में दुनिया के लिए बड़े-बड़े फैसले किए गए। आज के खंडित वैश्विक वातावरण में इतने सारे देशों को एक साथ एक मंच पर लाना छोटा काम नहीं है।
उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें एक पिकनिक का आयोजन भी करना होता है तो वे तय नहीं कर पाते कि कहां जाया जाए।
मोदी ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में नयी दिल्ली घोषणापत्र पर 100 प्रतिशत सहमति दुनिया भर में सुर्खियां बनीं और इस दौरान भारत ने अनेक महत्वपूर्ण फैसलों का नेतृत्व किया।
उन्होंने कहा, जी20 में कुछ फैसले ऐसे हुए जो 21वीं सदी की पूरी दिशा ही बदल देने की क्षमता रखते हैं। भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। ग्लोबल बायोफ्यूल अलांयस का नेतृत्व भी भारत ने किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, जी20 सम्मेलन में ही हम सभी ने मिलकर भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा बनाने का फैसला किया। यह गलियारा कई महाद्वीपों को आपस में जोड़ेगा इससे आने वाली कई शताब्दियों तक व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के तुरंत बाद सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद का भारत दौरा शुरु हुआ और भारत में सऊदी अरब 100 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है।
उन्होंने कहा, बीते 30 दिन में विश्व के 85 देशों के नेताओं के साथ मेरी बैठकें हुई हैं। यह करीब करीब आधी दुनिया है।
इन बैठकों के फायदे गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत के रिश्ते दूसरे देशों से अच्छे होते हैं, जब नए-नए देश भारत के साथ जुड़ते हैं तो भारत के लिए भी नए अवसर बनते हैं।
उन्होंने कहा, हमें नया साथी मिलता है, नया बाजार मिलता है और इन सब का फायदा देश की युवा पीढ़ी को होता है।
विश्वकर्मा जयंती पर आरंभ किए गए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के कारीगरों का सशक्तीकरण होगा।
उन्होंने कहा, रोजगार मेला लगाकर बीते 30 दिन में एक लाख से ज्यादा नौजवानों को केंद्र सरकार में सरकारी नौकरी दी गई है। जब से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है, तब से लेकर छह लाख से ज्यादा युवकों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, इन्हीं 30 दिन में आपने देश के नए संसद भवन में पहले संसद सत्र को भी देखा है। देश के नए संसद भवन में पहला विधेयक महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया है।
पिछले कुछ दिनों में राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में कन्वेंशन सेंटर यशोभूमि को राष्ट्र को समर्पित करने, वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखने, एक साथ नौ वंदे भारत रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार किस गति और पैमाने पर काम कर रही है, ये उसके उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा, जितने भी काम मैं गिनवा रहा हूं, उनका सीधा संबंध युवाओं के कौशल से है। युवाओं के लिए रोजगार निर्माण से है।
उन्होंने युवाओं से कहा कि देश कितनी तेज गति से काम कर रहा है और कितने अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रहा है, यह देश के नौजवानों को पता होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, युवा वहीं आगे बढ़ते हैं जहां आशा, अवसर और खुलापन होता है। जिस तरीके से आज भारत आगे बढ़ रहा है, उसमें आपके उड़ने के लिए पूरा आसमान खुला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले 30 दिनों में भारत की कूटनीति नई ऊंचाई पर पहुंची है। G-20 से पहले दक्षिण अफ्रीका में BRICS सम्मेलन हुआ। भारत के प्रयास से BRICS में 6 नए देश शामिल हुए... आज के ध्रुवीकृत अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में इतने सारे देशों को एक साथ एक मंच पर लाना, छोटा काम नहीं है। आप एक पिकनिक की तैयारी करें तो भी तय नहीं कर पाते कि कहां जाएं।"