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कुंभ मैनेजमेंट की सबसे बड़ी घटना...

हमें फॉलो करें कुंभ मैनेजमेंट की सबसे बड़ी घटना...
उज्जैन , शनिवार, 14 मई 2016 (12:50 IST)
सिंहस्थ महाकुंभ के तीन दिवसीय विचार महाकुंभ के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निनोरा पहुंचे। उनके साथ श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना भी विचार महाकुंभ में पहुंचे। इस अवसर पर मोदी ने सिंहस्थ का घोषणा पत्र भी जारी किया। प्रस्तुत है विचार महाकुंभ से जुड़ी पल-पल की जानकारी.... 


पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा...
* कुंभ मेला मैनेजमेंट की सबसे बड़ी घटना है। 
* विस्तारवाद की वजह से दुनिया में समस्याएं बढ़ रही हैं। 
* हमें हॉरिजेंटल नहीं वर्टिकल जाने की जरूरत है। 
* नई ऊंचाइयों के लिए मूल्यों को स्वीकारने की जरूरत है। 
* इस समय विश्व दो संकट के दौर से गुजर रहा है। एक ग्लोबल वार्मिंग और दूसरा आतंकवाद।
* हर कुंभ मेले में 51 अमृत बिन्दु निकलने चाहिए। 
* हमारे देश में विविधताएं भी हैं, लेकिन बाहर वालों को भेद भी नजर आता है।
* एक उदाहरण के जरिए मोदी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि हम पिता की आज्ञा का पालन करने वाले राम की पूजा करते हैं, जबकि दूसरी ओर पिता की अवज्ञा करने वाले प्रह्लाद की भी पूजा करते हैं। इसी तरह पति और परिजनों की आज्ञा मानने वाली माता सीता की पूजा करते हैं, वहीं दूसरी ओर पति की अवज्ञा करने वाली मीरा की भी पूजा करते हैं। 
* हम दर्शन से जुड़े लोग है, हठवादिता से बंधे हुए लोग नहीं हैं। 
* ज्ञान हर काल में लाभकारी है। अच्छी चीजें हमें हर कहीं से उठा लेनी चाहिए। 
* विचार करें कि हम परंपराओं को खो तो रही हैं। 
* सबका कल्याण हो, यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। 
* विचार कुंभ के 51 अमृत बिन्दुओं की भारत और वैश्विक जनसमूह में चर्चा होगी तो इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।
* कुंभ में समाज के लिए ही चिंतन होता था। 
* परंपराएं रह जाती हैं, प्राण खो जाता है। समय के चलते परंपराओं में भी बदलाव हो जाता है। 
* उज्जैन के महाकुंभ में संतों के आशीर्वाद से नया प्रयास शुरू हुआ। यह भी पुरानी परंपरा का ही हिस्सा है। 
* प्रयाग कुंभ में 12 साल के कामों की समीक्षा होती थी, और आने वाले 12 वर्षों की योजनाएं तैयार होती थीं। 
* कुंभ मेले के द्वारा पूरे भारत को समेटने का प्रयास।
* भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है। 
* परंपराएं सामाजित संदर्भ में शुरू हुई हैं।
* कुंभ मेले के द्वारा पूरे भारत को समेटने का प्रयास।
* भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है। 
* परंपराएं सामाजित संदर्भ में शुरू हुई हैं।
आत्मा की सोच हमें काल से बंधने देती न ही गुलाम बनने देती है। 
* हम लोग आत्मा के अमरत्व के साथ जुड़े हुए लोग हैं।
* हमारा यह स्वाभाविक दोष रहा है कि हम खुद को परिस्थिति से परे समझते हैं।
 
* श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने अपने संक्षिप्त भाषण में भारत की उदार और उदात्त विचारधारा की प्रशंसा की। साथ ही इस आयोजन में बुलाने के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया। 
* मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि समुद्र मंथन में 14 रत्न निकले थे, लेकिन तीन दिवसीय विचार कुंभ में हुए वैचारिक मंथन से 51 रत्न निकले हैं। 
* चौहान ने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करना बहुत जरूरी है। हमने फिलहाल नर्मदा को क्षिप्रा को जोड़ा है, लेकिन देवउठनी ग्यारस से नर्मदा के उद्‍गम स्थल अमरकंटक से संतों को लेकर पदयात्रा शुरू करेंगे। क्योंकि वृक्ष बचेंगे तब ही नदियां बचेंगी। 
* जैसी कि अटकलें लगाई जा रही थीं प्रधानमंत्री सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नहीं जाएंगे, लेकिन इसके उलट प्रधानंमत्री मेला क्षेत्र में गए। उनके लिए त्रिवेणी घाट खाली कराया गया। हालांकि इस पूरे मामले से मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया। अत: यह स्पष्ट नहीं हो सका कि प्रधानमंत्री ने क्षिप्रा में डुबकी लगाई या नहीं। 
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंहस्थ का घोषणा पत्र जारी किया। 
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विचार महाकुंभ के मंच पर पहुंचे। उनके साथ मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी पहुंचे।
* मंच पर आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल माधव दवे भी मौजूद। 

* इंदौर से हेलीकॉप्टर द्वारा निनोरा के लिए रवाना हुए मोदी। 
* इंदौर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, महापौर मालिनी गौड़ ने की पीएम की अगवानी। 
* मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'उज्जैन जा रहा हूं, जहां मैं अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ में सार्वभौमिक संदेश दूंगा।' 

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* वैचारिक महाकुंभ के समापन समोराह में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। 
* इस वैचारिक महांकुभ में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और 60 देशों के राजनयिक भाग ले रहे हैं। 
* तीन दिवसीय वैचारिक महाकुंभ की शुरुआत गुरुवार को हुई थी और शनिवार को इसका अंतिम दिन है।
* वैचारिक महाकुंभ के समापन समारोह में ही श्री मोदी घोषणापत्र जारी करेंगे। 
* कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित होंगे। सत्र की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन करेंगी।
* वैचारिक महाकुंभ के अंतिम दिन सम्यक जीवन पर वैचारिक सत्र होगा। सुबह नौ बजे के इस पूर्ण सत्र में श्रीलंका के नेता प्रतिपक्ष सम्पंथान, भूटान के मंत्री डी एन थुंगवेल, नेपाल के खील राज रेग्मी, बांग्लादेश के सांसद साधनचंद्र मजूमदार और मलेशिया के एस के देवगनी अपने विचार और सुझाव रखेंगे। 
* मोदी 14 मई को दिल्ली से सुबह 9:05 पर रवाना होकर 10:30 बजे इंदौर विमान तल पर आएंगे। प्रधानमंत्री सुबह 10:55 बजे इंदौर विमान तल से रवाना होकर 11:20 पर उज्जैन जिले के निनोरा हेलीपेड पहुंचेंगे। 
* निनोरा हेलीपेड से प्रधानमंत्री करीब 11:25 बजे रवाना होकर वैचारिक महाकुंभ स्थल पहुंचेंगे। जहां तय कार्यक्रम के अनुसार वे 11:30 से दोपहर 12:30 की अवधि में अंतरराष्ट्रीय  वैचारिक महाकुंभ में शामिल होंगे और विश्व के नाम सिंहस्थ के सार्वभौम अमृत-संदेश को जारी करेंगे। 
* प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12:35 से 12:50 तक अतिथियों से भेंट भी करेंगे। वे दोपहर 01:05 बजे निनोरा से प्रस्थान कर 01:30 बजे इंदौर विमान तल पहुंचेंगे। जहां से दोपहर 01:35 पर दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 

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