PM Modi on emergency : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann ki baat) में कहा कि आपातकाल भारत के इतिहास का वह काला दौर था जब लोकतंत्र के समर्थकों पर अत्याचार किया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है जो लोकतांत्रिक आदर्शों और संविधान को सर्वोपरि मानता है, लिहाजा 25 जून की तारीख को कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह वही दिन है जब हमारे देश पर आपातकाल थोपा गया था।
तत्कालीन प्रधानंमत्री इंदिरा गांधी द्वारा भारत में 1975 में आपातकाल लगाया गया था। इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की बड़ी घटना माना जाता है।
उन्होंने कहा कि यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जब आजादी के 75 वर्ष से सौवें वर्ष की तरफ बढ़ रहा है तो आजादी को खतरे में डालने वाले आपातकाल के अपराधों का अवलोकन जरूरी है। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने तथा उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भी उल्लेख किया और देशवासियों से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो 21 जून इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है। योग में तो वैसे भी ज्यादा तामझाम की जरूरत ही नहीं होती है। जब आप योग से जुड़ेंगे तो आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन आएगा।
प्रधानमंत्री हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात के जरिये अपने विचार साझा करते हैं। वह 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इसलिए इस बार मन की बात का प्रसारण एक सप्ताह पहले किया गया।