No Confidence Motion: लोकसभा में 8 से 10 अगस्त तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा विपक्ष की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव पर चर्चा के आखिरी दिन जवाब दिए जाने की संभावना है। लोकसभा में संख्या बल स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 8 अगस्त से शुरू कराने का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में किया गया। विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बैठक से बहिर्गमन कर दिया क्योंकि वह इस चर्चा को प्राथमिकता के आधार पर करवाने पर जोर दे रहे थे।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 8 अगस्त को शुरू होगी और 10 अगस्त तक चलेगी जब प्रधानमंत्री चर्चा का जवाब देंगे। इस बीच प्रधानमंत्री ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि आज देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) झलकता है। उन्हें इस कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास के माहौल में विकास असंभव है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ राकांपा नेता शरद पवार भी मंच पर थे। कांग्रेस, द्रमुक, वाम दल एवं तृणमूल कांग्रेस के घटक दलों वाले इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) और भारत राष्ट्र समिति इस बात पर जोर दे रहे कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर फौरन चर्चा कराई जानी चाहिए। इन विपक्षी दलों ने इस सप्ताह सरकार द्वारा लगातार अपने विधाई कामकाज को सदन में पूरा करवाने पर आपत्ति जताई है।
संयुक्त विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य स्पष्ट है क्योंकि राजग को लोकसभा में बहुमत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। अपने 301 सांसदों के साथ, राजग के पास लोकसभा में कुल 325 सांसद हैं। इसके अलावा 12 सांसदों वाली बीजद ने भी घोषणा की है कि वह अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन के पास लोकसभा में कुल 140 सांसदों की ताकत है।
सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई नियम या परंपरा नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव को सदन में तत्काल चर्चा के लिए लेने को अनिवार्य बनाता हो। सरकार का कहना है कि नियमानुसार प्रस्ताव लाए जाने के 10 कामकाजी दिवस में उसे चर्चा के लिए लिया जा सकता है।
निचले सदन में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा कि लोकसभा में मंगलवार सुबह जब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सदस्यों ने मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग की तो बैठक स्थगित कर दी गई।
उन्होंने बताया कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी 'इंडिया' के घटक दलों ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द चर्चा कराई जाए। हम चाहते थे कि इस पर बुधवार (2 अगस्त) से ही चर्चा हो। टैगोर का कहना है कि 16वीं लोकसभा में जब तेलुगु देसम पार्टी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तो उसे उसी दिन कार्यसूची में शामिल कर लिया गया था।
द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि विपक्ष के नेता बीएसी की बैठक से बाहर निकल गए, क्योंकि सरकार चाहती थी कि विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त से चर्चा कराने के फैसले का अनुमोदन करें।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गत बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे।(भाषा)