नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नाराजगी जताई है। आईएमए ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि या तो प्रधानमंत्री आरोपों को साबित करें या फिर अपने बयान पर माफी मांगें। 2 जनवरी को नई दिल्ली में यह बैठक हुई थी।
द हिन्दू की एक खबर के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में देश की बड़ी फार्मा कंपनियों के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि फार्मा कंपनियां एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस का उपयोग करती हैं।
IMA ने कहा कि प्रधानमंत्री यह साबित करें कि शीर्ष कंपनियों ने रिश्वत के तौर पर डॉक्टरों को विदेश यात्रा, गैजेट्स, लड़कियां उपलब्ध कराईं।
खबरों के अनुसार IMA ने कहा कि अगर प्रधनामंत्री ने ऐसा कहा कि शीर्ष फार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों ने रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराई हैं, तो इस पर उसे कड़ी आपत्ति है।
आईएमए ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के पास यह जानकारी थी तो उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक में बुलाने की बजाय आपराधिक मामला दर्ज करवाना था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे डॉक्टरों के नाम भी उजागर किए जाएं। साथ ही राज्यों की मेडिकल काउंसिल ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करे।
आईएमए ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने यह बयान बिना सत्यता की जांच किए दिया है तो उन्हें तुरंत इसके लिए माफी मांगना चाहिए।
पिछले साल नवंबर में पुणे की संस्था सपोर्ट फॉर एडवोकेसी एंड ट्रेनिंग टू हेल्थ इनीशिएटिव्स ने अपनी स्टडी में दावा किया था कि डॉक्टर्स महंगी यात्राएं, टैबलेट, चांदी के सामान, सोने के गहने और पेट्रोल कार्ड तक फार्मा कंपनियों से रिश्वत के रूप में लेते हैं।