Prime Minister Narendra Modi's foreign visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की 4 दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। मुक्त व्यापार समझौते से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करने का मार्ग प्रशस्त होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी पहले चरण में दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन जाएंगे और फिर मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री की 25 से 26 जुलाई तक होने वाली मालदीव यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करने का प्रतीक है।
चीन समर्थक माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के नवंबर 2023 में सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, अपनी यात्रा के पहले चरण में मोदी 23 से 24 जुलाई को ब्रिटेन की यात्रा पर जाएंगे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ व्यापक वार्ता करेंगे।
त्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की लंदन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन द्वारा मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन ने समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी कर ली है।
मई में भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया था, जिससे 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को टैरिफ से लाभ मिलने की उम्मीद है और इससे ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा, साथ ही समग्र व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद ब्रिटेन द्वारा किए गए सबसे बड़े मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के साथ-साथ, दोनों पक्षों ने दोहरे योगदान समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। यह भारतीय कामगारों के नियोक्ताओं को ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान देने से छूट प्रदान करता है।
अधिकारियों के अनुसार, तीन वर्षों की बातचीत के बाद तय हुए इस व्यापार समझौते से सभी क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं के लिए व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित होने की उम्मीद है और भारत को लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइन (उत्पाद श्रेणियों) पर टैरिफ हटने से लाभ होगा, जो लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्यों को कवर करेगा।
ब्रिटेन सरकार के एक बयान में कहा गया था कि भारतीय टैरिफ में कटौती की जाएगी, जिससे 90 प्रतिशत टैरिफ लाइन में कटौती सुनिश्चित हो जाएगी, तथा इनमें से 85 प्रतिशत एक दशक के भीतर पूरी तरह टैरिफ मुक्त हो जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि एफटीए से द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक वर्तमान 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना हो जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को दो देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, स्टॉर्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।
लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होंगे। यह मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी तथा नवंबर 2023 में राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद भारतीय शासनाध्यक्ष की पहली यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा, यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी, मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति और विजन महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) में एक विशेष स्थान रखता है। मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा तथा मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour