नई दिल्ली। परंपरा और प्रौद्योगिकी को 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की बहुत बड़ी ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने ऑनलाइन गेम पर भी चिंता जाहिर की।
टॉयकैथॅन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बाजार में उपलब्ध अधिकतर ऑनलाइन या डिजिटल गेम का विचार भारतीय है और इनमें से ज्यादातर या तो हिंसा को प्रोत्साहित करते हैं या फिर मानसिक दबाव का कारण बनते हैं।
पीएम ने कहा कि भारत की वर्तमान सामर्थ्य, उसकी कला-संस्कृति को और भारतीय समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है और इसमें खिलौने और गेमिंग उद्योग बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक खिलौना बाजार करीब 100 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ अरब डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। यानि इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान ऐसे खिलौनों और खेलों का निर्माण करने पर भी हो जो हमारी युवा पीढ़ी को भारतीयता का हर पहलू रोचक तरीके से बताए। हमारे खिलौने और खेल मनोरंजन भी करें, बच्चों को व्यस्त भी रखें और उन्हें शिक्षित भी करें, हमें यह सुनिश्चित करना होगा।
पीएम ने कहा, 'खिलौनों से जुड़ा एक और बहुत बड़ा पक्ष है, जिसे हर एक को जानने की जरूरत है। ये है खिलौने और गेमिंग की दुनिया की अर्थव्यवस्था यानी टॉयकोनॉमी।'
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।