नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले लता दीदी को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि लता दीदी की आवाज ने देश को प्रेरित और मोहित किया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस का जमकर घेराव किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू (पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू) ने लाल किले से अपने भाषण में मंहगाई पर हाथ खड़े कर दिए थे। नेहरू ने लालकिले से कहा था कभी-कभी कोरिया में लड़ाई भी हमें प्रभावित करती हैं...और इससे वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं और यह हमारे कंट्रोल से भी बाहर हो जाती हैं....वो आगे कहते हैं कि अगर अमेरिका में भी कुछ हो जाता है तो उसका असर वस्तुओं की कीमतों पर पड़ जाता है।
टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर : लेकिन कांग्रेस को हमेशा से इन बातों से नफरत रही है। विभाजनकारी मानसिकता उनके DNA में घुस गई। अंग्रेज चले गए, लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है। कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है। लेकिन जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम बिगाड़ तो दो। इस फिलॉसफी पर कांग्रेस आज चल रही है।
कांग्रेस के काल में बढ़ी महंगाई : कांग्रेस सरकार के आखिरी 5 साल में, लगभग पूरे कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई की मार झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस की नीतियां ऐसी थी कि सरकार खुद मानने लगी थी कि महंगाई उसके नियंत्रण के बाहर है। 2011 में तत्कालीन वित्तमंत्री जी ने लोगों से बेशर्मी के साथ कह दिया था कि महंगाई कम करने के लिए किसी अलादीन के जादू की उम्मीद न करें। कांग्रेस सरकार के आखिरी 5 साल में, लगभग पूरे कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई की मार झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस की नीतियां ऐसी थी कि सरकार खुद मानने लगी थी कि महंगाई उसके नियंत्रण के बाहर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दो साल से पूरी दुनिया 100 साल का सबसे बड़ा वैश्विक महामारी का संकट झेल रही है। इस कोरोना को भी दलगत राजनीति के लिए प्रयोग किया गया, ये मानवता के लिए सही नहीं है।
मेक इन इंडिया पर सवाल : पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने 50 वर्षों तक देश की सरकारें चलाई, मेक इन इंडिया को लेकर उनका क्या रवैया था, इसके लिए सिर्फ डिफेंस सेक्टर को हम देखें तो सारी बातें समझ आती हैं कि वो क्या करते थे, कैसे करते थे, क्यों करते थे और किसके लिए करते थे। कोविड महामारी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रही, किसानों ने रिकॉर्ड खाद्यान्न का उत्पादन किया।
देश के नौजवानों को भटकाया गया : कुछ लोगों को देश के नौजवानों को, देश के एंटरप्रेन्योरश को, देश के वेल्थ क्रिएटर्स को डराने और भयभीत करने में आनंद आता है। लेकिन देश का नौजवान उनकी बातें सुन नहीं रहा है, इसीलिए देश आगे बढ़ रहा है। केवल सरकारें ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती हैं।
2014 से पहले हमारे देश में सिर्फ 500 स्टार्ट-अप थे, लेकिन पिछले 7 साल में देश में 60 हजार से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले और महल जैसे घरों में रहने के आदी लोग, छोटे किसान के कल्याण की बात करना भूल गए हैं। भारत की प्रगति के लिए छोटे किसान को सशक्त बनाना जरूरी है। छोटा किसान ही भारत की तरक्की को मजबूत करेगा।
कांग्रेस के लिए फाइल सबकुछ : कोविड महामारी के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रही, किसानों ने रिकॉर्ड खाद्यान्न का उत्पादन किया। आपके (कांग्रेस के) लिए फाइल सब कुछ है, आप फाइल में खोए रहे; हम 120 करोड़ लोगों के लाइक का ध्यान रख रहे हैं।
कांग्रेस ने कोरोना फैलाया : प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने महामारी के समय तो हद कर दी, जब देश कोरोना से लड़ रहा था, सारी दुनिया में बाहर नहीं निकलने का संदेश दिया जा रहा था; तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर श्रमिकों को मुफ्त टिकट देकर शहर छोड़ने के लिए उकसाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में ऐसी सरकार है, जिसने माइक बांधकर ऐलान करवाया कि सभी मजदूर घर जाएं। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में लोग कांग्रेस के पाप के कारण कोरोना की चपेट में आए। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस की तरफ से टोका-टोकी शुरू हुई, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उन्हें रोका। इस पर प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'दादा उम्र के इस पड़ाव पर भी बचपन का मजा लेते हैं।'
मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप महात्मा गांधी के सपनों को सच होते देखना नहीं चाहते हैं, आपने योग का मजाक उड़ाया और विरोध किया। भारत की जनता सदियों से लोकतंत्र का पालन कर रही, विपक्ष लोकतंत्र का अपमान कर रहा है।
मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उल्टी टोपी क्यों पहन रहे हैं। प्रधानमंत्री के बयान इस पर सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। मोदी ने कहा कि हम सब संस्कार से, व्यवहार से लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध लोग हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं। ये भी सही है कि आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंधविरोध लोकतंत्र का अनादर है।
गुलामी की मानसिकता में जकड़े हैं : आज भी हम गुलामी की मानसिकता में जकड़े हैं, 20वीं सदी के कानूनों में 21वीं सदी के अनुकूल बदलाव जरूरी हैं।