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युवाओं में 'राष्ट्र प्रथम' की सोच हो तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता : मोदी

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, शुक्रवार, 28 जनवरी 2022 (19:13 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्टार्ट-अप से लेकर खेल की दुनिया में युवाओं के सामर्थ्य की सराहना करते हुए कहा कि जिस देश का युवा ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है तो उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
 
राजधानी स्थित करियप्पा ग्राउंड में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’ (NCC) की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संस्थान को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इस सिलसिले में एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति भी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख नए कैडेट बनाए गए हैं।
एनसीसी में लड़कियों की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिल रही हैं। एयरफोर्स में देश की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हों।
 
नशे की लत पर चिंता : युवाओं में नशे की लत पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने युवा कैडेटों से इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का अनुरोध किया और इसकी शुरुआत अपने परिसर से करने को कहा।
 
उन्होंने कहा कि जिस स्कूल-कॉलेज में एनसीसी हो, एनएसएस हो वहां पर ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है। आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें। आपके साथी, जो एनसीसी या एनएसएस में नहीं हैं, उन्हें भी इस बुरी आदत को छोड़ने में मदद करिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ओर डिजिटल प्रौद्योगिकी और सूचना से जुड़ी अच्छी संभावनाएं हैं तो दूसरी ओर भ्रामक सूचनाओं के खतरे भी हैं। इसलिए आम आदमी किसी अफवाह का शिकार न हो, ये भी जरूरी है। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स से इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की अपील की। उन्होंने उनसे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान में भी बड़ी भूमिका निभाने की गुजारिश की।
 
उन्होंने कहा कि अगर भारत के युवा ठान लें कि जिस चीज के निर्माण में किसी भारतीय का श्रम लगा है, किसी भारतीय का पसीना बहा है, सिर्फ वही चीज इस्तेमाल करेंगे, तो भारत का भाग्य बदल सकता है।
 
प्रधानमंत्री ने खुद एनसीसी से जुड़े होने पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आपकी तरह ही एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूं। मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है।
 
कैडेटों के युवा होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां एनसीसी या एनएसएस में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं और उन्हें ही भारत को 2047 तक सफलता की ओर लेकर जाना है। उन्होंने कहा कि जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे कोई दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।
 
उन्होंने इस कड़ी में खेल के मैदान से लेकर स्टार्टअप का वातावरण तैयार करने में भारत की सफलता को बड़ा उदाहरण करार दिया।
 
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। उन्होंने एनसीसी टुकड़ियों के मार्च पास्ट की समीक्षा की और एनसीसी कैडेटों को सैन्‍य कार्रवाई, स्लिदरिंग, माइक्रोलाइट विमानों में उड़ान, पैरासेलिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने उत्‍कृष्‍ट कौशल का प्रदर्शन करते देखा।
 
सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री ने मेडल और बैटन प्रदान किया। एनसीसी की यह रैली हर साल 28 जनवरी को आयोजित की जाती है।

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