नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की अपनी तीन दिन की यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार रात स्वदेश लौट आए। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने महत्वपूर्ण असैन्य परमाणु करार तथा विभिन्न क्षेत्रों में नौ अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा था, 'सायोनारा जापान। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओसाका से दिल्ली लौटने के लिए विमान में सवार हो रहे हैं, एक महत्वपूर्ण मित्रता और मजबूत हुई है।'
मोदी ने रवाना होने से पहले ओसाका बे के एक शहर कोबे में दोपहर के भोजन पर उद्योगपतियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने जापान की तेज गति शिन्कानसेन बुलेट ट्रेन में जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे के साथ सफर भी किया। बुलेट ट्रेन भारत में मुम्बई-अहमदाबाद रेल मार्ग पर शुरू की जानी है।
मोदी की इस जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिसमें कई क्षेत्र शामिल हैं। इन समझौतों में आधारभूत संरचना क्षेत्र, रेलवे और अंतरिक्ष एवं कृषि में सहयोग से जुड़े समझौते भी शामिल थे।
जापान ने अपनी आपत्तियों को खत्म करते हुए और अपने परंपरागत रूख से हटते हुए शुक्रवार को भारत के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु सहयोग करार पर हस्ताक्षर किया जिसके साथ ही परमाणु क्षेत्र में दोनों देशों के उद्योगों के बीच गठजोड़ के लिए दरवाजे खुल गए, हालांकि टोक्यो की संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए इस करार में सुरक्षा के पहलू को भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी जापान जाते हुए कुछ देर के लिए थाईलैंड में रूके और वहां के नरेश भूमिबोल अदुलयेदेज को श्रद्धांजलि दी। थाई नरेश भूमिबोल अदुलयेदेज का पिछले माह निधन हो गया था। (भाषा)